Commonwealth Youth Awards:- भारत के चार युवाओं के नाम इस वर्ष के राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए अंतिम सूची में शामिल किए गए हैं। ये पुरस्कार राष्ट्रमंडल देशों में सामाजिक उद्यम, पर्यावरण, नवाचार तथा मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले युवाओं को दिए जाते हैं।
राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कारों के लिए सूची में चार भारतीयों सहित कुल 50 लोगों के नाम हैं। 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग वाले ये लोग सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में योगदान देने संबंधी पहलों में शामिल हैं। भारत के अक्षय मकर को एसडीजी13 जलवायु परिवर्तन, सौम्या डाबरीवाल एसडीजी 5 लैंगिक समानता, कौशल शेट्टी एसडीजी 11 टिकाऊ शहर तथा समुदाय और श्रुतिका सिलस्वाल एसडीजी 4 गुणवक्तापरक शिक्षा के लिए चयनित किया गया है।
राष्ट्रमंडल महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा, ‘प्रत्येक वर्ष, मैं उन नवोन्मेषों तथा परिवर्तनकारी कार्यों से अभिभूत होती हूं जो ये लोग हमारे लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के वास्ते कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं खासतौर पर इस बात पर गर्व महसूस कर रही हूं कि इन 50 युवाओं को सम्मानित किया जा रहा है। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि युवाओं को विकास के लिए आगे आना चाहिए। जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में शामिल किए गए हैं उन्होंने साबित किया है कि युवा केवल तमाशबीन नहीं हैं जो यह सोचते हों कि भविष्य में क्या होगा, बल्कि वे बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं।’
भारत के अक्षय मकर ‘क्लाइमेटेंज़ा सोलर’ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो औद्योगिक क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम करती है और यह कंपनी कोका-कोला, टाटा ग्रुप तथा यूनिलीवर जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के साथ काम कर रही है। अक्षय मकर का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 273 मेगावाट क्षमता का निर्माण करना है जिससे 6,50,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
सौम्या डाबरीवाल एक व्यवसायी हैं। उन्होंने वारविक विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है। घाना में स्वयंसेवा के दौरान उन्होंने देखा की लड़कियां प्रत्येक माह मासिक धर्म के दौरान तीन दिन स्कूल नहीं जातीं और इस दौरान वे ऐसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
डाबरीवाल ने इसे देखते हुए बाला अभियान की शुरुआत की जिसके तहत बच्चियों को दोबारा इस्तेमाल लायक पैड मुहैया कराए जाते हैं और उन्हें जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। कौशल शेट्टी गैर-लाभकारी संगठन ‘नोस्टोस होम्स’ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। यह संगठन प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए स्थायी आपातकालीन आश्रयों का निर्माण करता है। श्रुतिका सिलस्वाल ‘दलाई लामा फेलो’ हैं, और उत्तराखंड में ‘सिंपल एजुकेशन फाउंडेशन’ में कार्यक्रम प्रमुख हैं। यह संगठन सरकारी स्कूलों के बच्चों की सहायता करता है।
राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कारों के लिए चयनित 50 युवाओं में से 20 को विजेता चुना जाएगा। ये युवा 14 सितंबर को लंदन में पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होंगे। प्रत्येक विजेता को एक ट्रॉफी, प्रमाणपत्र आदि प्रदान किया जाएगा। आम तौर पर 20 नाम चुने जाते थे जिनमें से पांच क्षेत्रीय विजेता चुने जाते थे, लेकिन इस वर्ष राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 50 युवाओं के नाम शामिल किए गए हैं। (भाषा)