नई दिल्ली। अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित उपकरण विकसित किया है जो अल्जाइमर (Alzheimer) रोग के सूक्ष्म संकेतों को पहचान सकता है। कैलिफोर्निया में ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट्स की टीम ने अल्जाइमर के प्रमुख पहलुओं की नकल करने के लिए चूहों को तैयार किया और मस्तिष्क रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए नए वीडियो-आधारित मशीन लर्निंग टूल का इस्तेमाल किया। वर्तमान में इस बीमारी की पहचान में काफी समय लगता है। मगर सेल रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष न्यूरोलॉजिकल बीमारी की पहचान समय से पहले करने की नई रणनीति पर प्रकाश डालते हैं।
ग्लेडस्टोन के अन्वेषक (इन्वेस्टिगेटर) जॉर्ज पालोप ने कहा कि एआई संभावित रूप से मस्तिष्क के कार्य में प्रारंभिक असामान्यताओं के संकेत देने वाले अल्जाइमर से जुड़े व्यवहारों के विश्लेषण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। वेरिएशनल एनिमल मोशन एम्बेडिंग नामक एक मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म ने खुले क्षेत्र में घूमते हुए चूहों के वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया। इसने सूक्ष्म व्यवहार पैटर्न, अव्यवस्थित व्यवहार, असामान्य पैटर्न और चूहों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के बीच अधिक बार संक्रमण की पहचान की। ये व्यवहार, जो संभवतः स्मृति और ध्यान की कमी से जुड़े हैं, कैमरे में कैद किए गए थे।
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पालोप ने कहा कि यह उपकरण गंभीर मस्तिष्क विकारों की उत्पत्ति और प्रगति को समझने में मदद कर सकता है, उन्होंने कहा कि इसे अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों पर भी लागू किया जा सकता है। इसके अलावा, नए अध्ययन में वेरिएशनल एनिमल मोशन एम्बेडिंग का उपयोग यह जानने के लिए भी किया गया कि क्या अल्जाइमर के लिए संभावित चिकित्सा तरीका चूहों में अव्यवस्थित व्यवहार को रोक सकेगा। उन्होंने पाया कि मस्तिष्क में टॉक्सिक इंफ्लामेशन को ट्रिगर करने वाले फाइब्रिन (रक्त का थक्का बनाने वाले प्रोटीन) को आनुवंशिक रूप से अवरुद्ध करने से चूहों में अल्जाइमर के विकास को रोका जा सकता है। बता दें कि अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे मरीज की याददाश्त कम होने लगती है।