IND vs ENG: धमाकेदार प्रदर्शन, प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड, लेकिन फिर भी चेहरे पर खुशी की कमी। वरुण चक्रवर्ती ने मैच के बाद उस बात का जिक्र किया, जिसने उन्हें खुद को 10 में से 10 अंक देने से रोक दिया।
कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ हुए टी20 मैच में भारतीय टीम ने 7 विकेट से शानदार जीत हासिल की। 133 रनों के लक्ष्य को टीम इंडिया ने आसानी से पार कर लिया।
अभिषेक शर्मा ने महज 20 गेंदों में अर्धशतक लगाकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता टी20 में भारतीय टीम ने 7 विकेट से जीत दर्ज की।
प्लेयर ऑफ द मैच…वरुण चक्रवर्ती
टीम इंडिया में पिछले साल वापसी के बाद से मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती का प्रदर्शन अलग ही स्तर पर नजर आ रहा है। उनका फॉर्म और प्रभावशाली प्रदर्शन लगातार टीम की जीत में अहम भूमिका निभा रहा है।
इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेले गए पहले टी20 मुकाबले में वरुण ने अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।
उनकी धारदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बांधकर रखा और भारतीय टीम को शानदार जीत दिलाई। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ भी चुना गया।
हालांकि, जहां पूरा देश वरुण के प्रदर्शन की तारीफ कर रहा था, वहीं खुद वरुण अपने प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने खुद को 10 में से केवल 7 अंक दिए।
यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर क्यों? टीम जीत गई, उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला, फिर भी उन्होंने अपने प्रदर्शन के 3 अंक क्यों काटे?
इंग्लैंड की पारी पर वरुण का कहर
पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हो गई। इंग्लैंड का स्कोर सिर्फ 132 रन रहा, जो कि भारतीय टीम के लिए बेहद आसान लक्ष्य साबित हुआ।
वरुण चक्रवर्ती ने अपनी मिस्ट्री गेंदों से विपक्षी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। उन्होंने न केवल विकेट चटकाए, बल्कि रन गति पर भी अंकुश लगाया। उनकी गेंदबाजी का यह जादू भारतीय जीत की नींव बन गया।
अभिषेक शर्मा का धमाका
भारत के युवा बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने इंग्लैंड के गेंदबाजों पर कहर बरपाते हुए अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया। उन्होंने मात्र 34 गेंदों में 79 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 8 छक्के और 5 चौके शामिल थे।
अभिषेक ने 20 गेंदों में अपनी हाफसेंचुरी पूरी की, जो उनके टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर की सबसे तेज फिफ्टी है।
उनकी इस विस्फोटक पारी की बदौलत भारतीय टीम ने 12.5 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया और सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।
टीम इंडिया की यह जीत हर लिहाज से शानदार थी। गेंदबाजों ने पहले इंग्लैंड के बल्लेबाजों को 132 रनों पर समेट दिया और फिर बल्लेबाजों ने ताबड़तोड़ अंदाज में लक्ष्य को हासिल कर लिया।
वरुण चक्रवर्ती की गेंदबाजी और अभिषेक शर्मा की बल्लेबाजी ने यह सुनिश्चित कर दिया कि इंग्लैंड के पास वापसी का कोई मौका न बचे।
वरुण का आत्म-आलोचनात्मक रवैया
वरुण चक्रवर्ती का खुद के प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट न होना उनके आत्म-आलोचनात्मक रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने खुद को 10 में से 7 अंक दिए, जो यह दर्शाता है कि वे हमेशा अपनी गलतियों से सीखने और बेहतर करने की कोशिश में रहते हैं।
यह रवैया उन्हें न केवल एक शानदार खिलाड़ी बनाता है, बल्कि उनके करियर को भी लंबी सफलता की ओर ले जा सकता है।
टीम इंडिया ने पहला मैच जीतकर सीरीज में बढ़त जरूर बना ली है, लेकिन इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ हर मैच महत्वपूर्ण होता है।
वरुण चक्रवर्ती और अभिषेक शर्मा के इस प्रदर्शन से टीम का मनोबल ऊंचा है, और भारतीय फैंस को उम्मीद है कि अगला मैच भी इसी अंदाज में जीता जाएगा।
जीत के हीरो बनकर खुश नहीं वरुण
दुनिया किसी भी खिलाड़ी या परफॉर्मर की वाहवाही कर सकती है, लेकिन अपने प्रदर्शन में कहां कमी रह गई, यह केवल वही खिलाड़ी समझ सकता है जो मैदान पर खेलता है और दबाव को महसूस करता है।
वरुण चक्रवर्ती, जो इस समय भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे चर्चित मिस्ट्री स्पिनर हैं, ने इस सच को बखूबी साबित किया। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में उनके शानदार प्रदर्शन की हर तरफ तारीफ हो रही थी।
उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रदर्शन में कमियां खोजीं और पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में उन्हें ईमानदारी के साथ स्वीकार किया।
अपनी खामियों का अहसास
मैच के बाद जब वरुण से उनकी शानदार गेंदबाजी के बारे में सवाल किए गए, तो उन्होंने अपनी प्रशंसा से ज्यादा अपनी गलतियों पर बात की।
उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि उनके प्रदर्शन में कहां सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने अपनी गेंदबाजी की कुछ विशिष्ट पहलुओं को लेकर चिंता जताई और बताया कि वह खुद को 10 में से केवल 7 अंक ही देंगे।
यह एक ऐसा बयान था, जो उनकी ईमानदारी और खुद को लगातार बेहतर बनाने की सोच को दर्शाता है।
ईमानदारी से किया आत्म-मूल्यांकन
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में वरुण चक्रवर्ती ने अपनी मिस्ट्री गेंदों से अंग्रेज बल्लेबाजों को बांधकर रखा। उनकी गेंदबाजी इतनी कसी हुई थी कि विपक्षी टीम बड़े शॉट लगाने में नाकाम रही।
उन्होंने न केवल विकेट झटके, बल्कि रन गति पर भी अंकुश लगाया, जिससे इंग्लैंड की टीम 132 रन पर ही सिमट गई। यह प्रदर्शन वरुण के करियर के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ।
जहां एक ओर टीम ने मैच को 12.5 ओवर में ही जीतकर टी20 सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई, वहीं वरुण का अपने प्रदर्शन को लेकर यह कहना कि वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, यह दिखाता है कि वह हमेशा अपनी गलतियों से सीखने और बेहतर बनने के लिए तत्पर रहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी लाइन और लेंथ में और सुधार करने की जरूरत है ताकि आने वाले मुकाबलों में वह और अधिक असरदार साबित हो सकें।
ईमानदारी से सफलता की ओर
वरुण चक्रवर्ती का यह रवैया कि उन्होंने अपनी खामियों को स्वीकार किया और खुलेआम उस पर बात की, उन्हें न केवल एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में, बल्कि एक विनम्र और मेहनती इंसान के रूप में भी स्थापित करता है।
उनकी यह सोच कि हर मैच एक सीखने का मौका है, उनके करियर को लंबे समय तक नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
वरुण का यह ईमानदार आत्म-मूल्यांकन टीम इंडिया के बाकी खिलाड़ियों के लिए भी एक प्रेरणा है। यह संदेश देता है कि कोई भी खिलाड़ी कितना भी अच्छा प्रदर्शन करे, उसे हमेशा खुद का मूल्यांकन करते रहना चाहिए और सुधार के लिए तत्पर रहना चाहिए।
वरुण ने खुद को 10 में से 7 नंबर दिए
पहले T20 मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बने वरुण चक्रवर्ती ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 ओवर में 23 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
ये विकेट इंग्लैंड के तीन बड़े बल्लेबाजों- हैरी ब्रूक, लायम लिविंगस्टन और जॉस बटलर के थे। खास बात यह रही कि वरुण ने ब्रूक और लिविंगस्टन को एक ही ओवर में आउट किया।
इसके बावजूद, पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में वरुण ने कहा कि उन्हें अपनी गेंदबाजी पर अभी और मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने अपने प्रदर्शन को 10 में से सिर्फ 7 नंबर दिए, यानी उनके हिसाब से उन्होंने अपने प्रदर्शन का केवल 70% ही दिया।
अर्शदीप-चक्रवर्ती भी चमके
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले T20 मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए इंग्लैंड की टीम को सिर्फ 132 रनों पर रोक दिया।
इस जीत में सबसे बड़ा योगदान भारतीय गेंदबाजों का रहा। अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती ने अपनी घातक गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया।
अर्शदीप ने 4 ओवर में सिर्फ 17 रन देकर 2 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। वहीं, वरुण चक्रवर्ती ने 4 ओवर में 23 रन देकर 3 बड़े विकेट लिए।
उनके शिकार इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज हैरी ब्रूक, लायम लिविंगस्टन और जॉस बटलर बने। खास बात यह रही कि वरुण ने ब्रूक और लिविंगस्टन को एक ही ओवर में पवेलियन भेजा।
इसके अलावा हार्दिक पंड्या और अक्षर पटेल ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई और 2-2 विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।
हालांकि, इंग्लैंड की तरफ से जॉस बटलर ने 68 रनों की बेहतरीन पारी खेली, लेकिन उनका यह प्रयास टीम को बड़ी स्कोर तक नहीं पहुंचा सका। नतीजतन, इंग्लैंड की टीम निर्धारित 20 ओवर में सिर्फ 132 रन बना सकी।
टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत
भारत ने इस लक्ष्य को 43 गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया। यह जीत गेंदों के लिहाज से इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की सबसे बड़ी जीत है।
युवा बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने भी अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया, जिससे भारत ने यह मुकाबला आसानी से अपने नाम कर लिया।
वरुण चक्रवर्ती ने खुद को दिए 7 नंबर
मैच के बाद पोस्ट-मैच प्रजेंटेशन में प्लेयर ऑफ द मैच बने वरुण चक्रवर्ती ने अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करते हुए कहा कि उन्हें अभी अपनी गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है।
वरुण ने बताया कि वह अपनी गेंदों में बाउंस से बल्लेबाजों को छकाने में कामयाब रहे, लेकिन साइड स्पिन से वह वैसा प्रभाव नहीं डाल सके।
यही वजह रही कि उन्होंने अपने प्रदर्शन को 10 में से 7 नंबर दिए। उनके मुताबिक, वह अभी अपनी गेंदबाजी के 70% पर ही पहुंचे हैं और आने वाले मैचों में इसे बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
सीरीज का अगला मुकाबला चेन्नई में
भारत की इस जीत के बाद अब सीरीज का दूसरा T20 मुकाबला 25 जनवरी को चेन्नई में खेला जाएगा। इस जीत ने न सिर्फ टीम इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि आगामी मैचों के लिए फैंस को और रोमांचित कर दिया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत इस लय को बरकरार रखते हुए सीरीज में अपनी बढ़त को और मजबूत कर पाता है।
इंग्लैंड के गेंदबाजों पर कहर
कोलकाता के ईडन गार्डन्स की सपाट पिच पर अभिषेक शर्मा ने ऐसा कहर ढाया कि इंग्लैंड के गेंदबाजों के पास कोई जवाब नहीं बचा।
पारी की शुरुआत से ही उन्होंने जोफ्रा आर्चर की गेंदों पर चौके-छक्कों की बरसात कर दी। इसके बाद उन्होंने मार्क वुड, आदिल रशीद और गस एटकिंसन को भी नहीं छोड़ा और एक के बाद एक बड़े शॉट लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास ली।
अभिषेक शर्मा की इस विस्फोटक बल्लेबाजी ने टीम इंडिया को ठोस शुरुआत दी। उन्होंने मैदान के चारों ओर स्ट्रोक खेलते हुए इंग्लैंड के आक्रमण को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
उनके अलावा संजू सैमसन ने भी आक्रामक अंदाज दिखाते हुए सिर्फ एक ओवर में 22 रन बटोरे और टीम को तेजी से रन जुटाने में मदद की। हालांकि, संजू सैमसन 26 रनों की छोटी मगर तेजतर्रार पारी खेलकर आउट हो गए।
उनके आउट होने के बाद तिलक वर्मा ने पारी को संभाला और नाबाद 19 रन बनाते हुए टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। अभिषेक और तिलक की साझेदारी ने सुनिश्चित किया कि टीम इंडिया लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सके।
टीम इंडिया का वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारतीय टीम ने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इंग्लैंड के खिलाफ 130+ रनों के लक्ष्य को सबसे तेज हासिल करने का रिकॉर्ड अब टीम इंडिया के पास है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था, जिसने 2018 में इंग्लैंड को 14.3 ओवर में हराया था। लेकिन भारतीय टीम ने इसे महज 12.5 ओवर में ही हासिल कर लिया, जो एक असाधारण उपलब्धि है।
टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत
टीम इंडिया ने इस मुकाबले में पूरी तरह से इंग्लैंड को बैकफुट पर रखा। पहले गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को 132 रनों पर सीमित किया और फिर बल्लेबाजों ने इसे महज 12.5 ओवर में हासिल कर इतिहास रच दिया।
अभिषेक शर्मा की 47 रनों की विस्फोटक पारी और संजू सैमसन की तेजतर्रार बल्लेबाजी ने जीत की नींव रखी, जबकि तिलक वर्मा ने इसे मजबूती के साथ अंजाम तक पहुंचाया।
इस जीत ने न केवल भारतीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया, बल्कि दर्शकों को भी रोमांचित कर दिया। इस धमाकेदार जीत के बाद अब सभी की निगाहें सीरीज के अगले मुकाबले पर टिक गई हैं।
भारतीय टीम ने इंग्लैंड को यह संदेश दे दिया है कि सीरीज में उनकी चुनौती कितनी बड़ी होगी। अब देखना यह है कि क्या भारत इस लय को अगले मैच में भी बरकरार रख पाएगा।