नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ईडी की हिरासत में भेजे जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत में भेजे जाने को चुनौती दी है। इस पर हाई कोर्ट ने केजरीवाल की आपत्तियों के बावजूद तीन अप्रैल को ईडी का पक्ष सुना और फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने की।
ईडी ने केजरीवाल की याचिका के जवाब में कहा था कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य सरगना हैं। ईडी के पास ऐसे सबूत हैं, जिनके आधार पर वो धन शोधन के अपराध के दोषी हैं। ईडी ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने घोटाले में हुई आय का एक हिस्सा करीब 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल गोवा के विधानसभा चुनावों 2022 में किया था। यह पैसा चुनाव अभियान में खर्च किया गया था। ईडी ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के जरिए धन शोधन किया है।
ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव अभियान के वेंडर्स को दिए गए सभी बड़े भुगतान नकद में किए थे। इसकी जानकारी पासबुक में भी नहीं है। ईडी ने कहा कि उसके पास वॉट्सऐप चैट और हवाला ऑपरेटरों के बयान हैं और बड़ी मात्रा में आयकर डेटा भी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने ईडी के सभी समन को गैरकानूनी बताते हुए अपने मुवक्किल की रिहाई की मांग की।