Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है, इस बार 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही है।
इस पवित्र यात्रा के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, और अब जल्द ही बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथियां भी निर्धारित की जाएंगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा 2 फरवरी 2025 को होगी। इस अवसर पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजदरबार में एक विशेष धार्मिक समारोह का आयोजन किया जाएगा।(Chardham Yatra 2025)
सुबह 10:30 बजे से शुरू होने वाले इस आयोजन में विधिवत पूजा-अर्चना और पंचांग गणना के बाद बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाएगी। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे बेहद शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया से चारधाम यात्रा की शुरुआत
चारधाम यात्रा का शुभारंभ हर साल अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को पड़ रही है। इसी दिन से श्रद्धालु आधिकारिक रूप से इस पवित्र यात्रा पर निकल सकेंगे।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन की जाएगी। इस दिन पंचांग गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त निकाला जाएगा।(Chardham Yatra 2025)
केदारनाथ धाम, भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख तीर्थस्थल है, और यहां के कपाट खुलने का इंतजार श्रद्धालु विशेष उत्साह के साथ करते हैं।
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बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारण की प्रक्रिया केवल एक आधिकारिक घोषणा नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है।
पंचांग गणना के माध्यम से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है, और इस प्रक्रिया को अत्यंत पवित्र माना जाता है।(Chardham Yatra 2025
चारधाम यात्रा की विशेषता
चारधाम यात्रा भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राओं में से एक है। इसमें बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री शामिल हैं।
हर साल लाखों श्रद्धालु इन धामों की यात्रा करके आत्मिक शांति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस यात्रा का शुभारंभ हमेशा गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होता है, और इसके बाद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलते हैं।(Chardham Yatra 2025)
चारधाम यात्रा 2025 का आगाज इस बार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर होगा। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथियां क्रमशः 2 फरवरी और 26 फरवरी को घोषित की जाएंगी।
इस पवित्र यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में गहरी उत्सुकता है और सभी भगवान के दर्शन करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि(Chardham Yatra 2025)
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा के लिए दो फरवरी 2025 को नरेंद्रनगर राजदरबार में एक भव्य और धार्मिक समारोह आयोजित किया जाएगा।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी, डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इस विशेष अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना और पंचांग गणना के बाद बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की जाएगी।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा भी है।(Chardham Yatra 2025)
इस समारोह के दौरान, तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा की तिथि भी तय की जाएगी। तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे हर साल कपाट खुलने से पहले आयोजित किया जाता है।
इसके लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह यात्रा बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व मंदिर में तेल चढ़ाने की परंपरा का हिस्सा है।
तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा की प्रक्रिया
30 जनवरी 2025 को, श्रीनृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत द्वारा तेल कलश गाडू घड़ा मंदिर समिति को सौंपे जाएंगे।(Chardham Yatra 2025)
इसके बाद योगबदरी पांडुकेश्वर और श्रीनृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ कलश को दो फरवरी को राजमहल के सुपुर्द किया जाएगा।
राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर यह कलश निर्धारित तिथि पर बदरीनाथ धाम पहुंचेगा, जहां वह धार्मिक अनुष्ठान के तहत तेल चढ़ाने की प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा।
इस भव्य और धार्मिक समारोह में महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राजकुमारी शिरजा शाह, राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल, और बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहेंगी।
बाबा केदार के कपाट खुलने का इंतजार
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करना एक सदियों पुरानी परंपरा है। इसे विशेष रूप से पंचांग गणना के माध्यम से निर्धारित किया जाता है, जो भारतीय हिंदू धर्म की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।
यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखंड की धार्मिक धारा और संस्कृति को भी प्रगाढ़ करता है।(Chardham Yatra 2025)
2 फरवरी 2025 को नरेंद्रनगर राजदरबार में होने वाला यह धार्मिक समारोह बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा की तिथि तय करने का एक ऐतिहासिक पल होगा।
इस आयोजन के माध्यम से एक ओर धार्मिक परंपरा का पालन किया जाएगा, और श्रद्धालु बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का बेसब्री से इंतजार करेंगे।
महाशिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि (Chardham Yatra 2025)
26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की जाएगी।(Chardham Yatra 2025)
यह महत्वपूर्ण आयोजन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगा, जहां पंचांग गणना के बाद रावल और धर्माधिकारी वेदपाठी मिलकर कपाट खुलने की तिथि का निर्धारण करेंगे।
यह घटना चारधाम यात्रा की शुरुआत को लेकर अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस तिथि के बाद ही श्रद्धालु अपने श्रद्धा भाव से इन प्रमुख तीर्थस्थलों का दर्शन कर सकेंगे।
इस बार चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दिन होगा। यह दिन हिंदू कैलेंडर के हिसाब से अत्यंत महत्वपूर्ण है और परंपरागत रूप से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं।
इस दिन विशेष रूप से इन दोनों धामों में पूजा अर्चना के साथ यात्रा की शुरुआत होती है, जिससे भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद, तीर्थयात्री इन पवित्र स्थलों की यात्रा कर सकते हैं, जो पूरे वर्ष की महत्त्वपूर्ण यात्रा मानी जाती है।
अन्य केदारों के कपाट खुलने की तिथियाँ
गंगोत्री मंदिर समिति ने हिंदू नववर्ष के अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के समय की घोषणा की है।(Chardham Yatra 2025)
साथ ही यमुनोत्री मंदिर समिति यमुनोत्री के औपचारिक कपाट खोलने और देवडोलियों के धाम पहुंचने के कार्यक्रम की घोषणा भी करेगी।
यह तिथि यात्रा की शुरुआत को निर्धारित करती है, जब हजारों भक्त इन धामों की ओर रुख करेंगे और भगवान के दर्शन प्राप्त करेंगे।
इसके अलावा, द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि भी वैशाखी के अवसर पर तय की जाएगी।
इन दोनों केदारों के कपाट खुलने का विशेष महत्व है क्योंकि यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इन स्थानों पर यात्रा करने वाले भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व(Chardham Yatra 2025)
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म का एक अभिन्न हिस्सा है, जो विशेष रूप से उत्तराखंड राज्य में स्थित चार पवित्र तीर्थ स्थलों—गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ—की यात्रा को संदर्भित करती है।
यह यात्रा प्रत्येक हिंदू श्रद्धालु के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसे एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में देखा जाता है, जो जीवन के उद्देश्य को समझने और मोक्ष प्राप्ति की दिशा में एक कदम और बढ़ाती है।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि का निर्धारण और इसके बाद गंगोत्री, यमुनोत्री और अन्य केदारों के कपाट खुलने की तिथियों की घोषणा, इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत को लेकर भक्तों में एक नई उमंग और श्रद्धा का संचार करेगी।
यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी अभिन्न हिस्सा है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को इन पवित्र धामों में दर्शन करने के लिए आकर्षित करती है।(Chardham Yatra 2025)