Bihar Floor Test : पिछले कुछ समय से बिहार की राजनीति (Bihar politics) में एक नया शब्द ‘खेला’ ट्रेंड में हैं. बिहार की राजनीति में आज का दिन किसी भूकंप से कम साबित नहीं दिख रहा. आज बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट (Bihar Floor Test) होना है ऐसे में खबर है कि जदयू (JDU) के तीन विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं. जबसे नीतिश कुमार (Nitish Kumar) ने महागठबंधन का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का दामन थामा है. तभी से बिहार में नंबरगेम की राजनीति शुरु हो गई है और ‘खेला’ शब्द ट्रेंड करने लगा है।
नीतीश (Bihar CM Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा था कि अभी खेला बाकी है. अब विधानसभा में शक्ति परीक्षण ((Bihar Floor Test) की घड़ी आ गई है. नीतीश सरकार को विधानसभा में आज बहुमत साबित करना है और इससे पहले तेजस्वी फ्रंट फुट पर हैं. उनकी पार्टी ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से ठीक पहले भी खेला होने का दावा किया है.
बिहार की सियासत में क्या सच में खेला हो गया?
लेकिन क्या बिहार की सियासत में सच में खेला हो गया है. और क्या तेजस्वी यादव का ‘खेला’ वाला दावा सच होने जा रहा है? आज विधानसभा में शक्ति परीक्षण यानि Floor Test होना है ऐसे में खबर है कि जदयू के तीन विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे. इसके बाद एक तरफ JDU के विधायकों को पटना के एक होटल में ठहराया गया है. तो वहीं तेजस्वी यादव ने अपने घर में ही राजद विधायकों की बाड़ाबंदी कर दी है. वहीं दूसरी ओर खबर ये भी आ रही है कि बिहार में सत्ताधारी JDU यानी सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के विधायक डॉ संजीव कुमार को नजरबंद करने का आरोप पुलिस पर लगा है.
नीतिश की पार्टी के विधायक को पुलिस ने बीच रास्ते रोका?
दरअसल, बिहार के खगड़िया जिले के परबत्ता से विधायक संजीव कुमार को नवादा में पुलिस और प्रशासन ने फ्लोर टेस्ट (Floor test) से पहले ही कथित तौर पर रोक लिया। बताया जा रहा है कि विधायक संजीव कुमार झारखंड के रास्ते सोमवार की सुबह बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें नवादा जिला प्रशासन ने बिहार झारखंड बॉर्डर पर रजौली में रोक लिया। Watch Video
जदयू के नेता को गिरफ्तार करने पर राजद का हल्ला बोल
जदयू के विधायक संजीव कुमार की गिरफ्तारी की खबर के बाद राजद ने इस मामले पर हंगामा शुरु कर दिया. जैसे ही इसकी खबर राजद के स्थानीय नेताओं को मिली, उन्होंने वन विश्राम गृह के बाहर हल्ला बोल दिया. राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि जदयू विधायक संजीव कुमार नीतीश कुमार के खिलाफ वोट करने जा रहे थे. इसीलिए उन्हें पुलिस ने रोक लिया है। इसके बाद काफी देर तक राजद नेताओं ने नवादा में वन विश्राम गृह के बाहर बवाल काटे रखा और नारेबाजी भी की।
क्या बिहार की राजनीति में शक्ति परीक्षण से पहले सच में खेला हो गया?
हालांकि अभी तक ये तो पता नहीं चला है कि आखिर डॉक्टर संजीव को पुलिस ने क्यों रोका। लेकिन जानकारी है कि कुछ देर बाद विधायक संजीव कुमार पुलिस की सुरक्षा के साथ पटना के लिए रवाना हो गए।
शक्ति परीक्षण (Floor Test) में ‘आउट ऑफ कॉन्टैक्ट’ विधायक कैसे बन सकते हैं मुसीबत
आपको बतादें बिहार विधानसभा की स्ट्रेंथ 243 है. ऐसे में बहुमत के लिए नीतीश सरकार को 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. एनडीए के पास मांझी की पार्टी के चार विधायकों समेत 128 विधायकों का समर्थन है.
मांझी की पार्टी के चार विधायक हटा दें तो भी एक निर्दल सुमित सिंह समेत 124 विधायकों का समर्थन सरकार के पास है. लेकिन जेडीयू और बीजेपी विधायकों के आउट ऑफ कॉन्टैक्ट हो जाने से तस्वीर अब उलझी हुई नजर आ रही है.
खबर है कि जेडीयू और बीजेपी,(JDU & BJP) दोनों दलों के कुल चार विधायको से संपर्क नहीं हो पा रहा है. ये चार विधायक अगर विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं होते हैं तो सदन की स्ट्रेंथ 239 रह जाएगी.
ऐसे में बहुमत के लिए 120 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. अगर पुलिस हिरासत में लिए गए जेडीयू विधायक ने भी नीतीश सरकार के पक्ष में मतदान किया तो एनडीए का संख्याबल मांझी की पार्टी के बिना भी बहुमत के लिए जरूरी 120 के आंकड़े तक पहुंच जाएगा.