Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 शुरू होने में ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में टीम इंडिया के सेलेक्टर एक बेहतरीन टीम चुनने की कश्मकश में है। टीम इंडिया में हर बार ही धोनी की कमी ही खलती है।
धोनी अब रिटायर हो चुके है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में धोनी की कमी हमेशा ही खलती रहेगी। लेकिन माही जैसा खिलाड़ी भविष्य में तो कभी नहीं हो सकता है।
अब देखना यह है कि चैंपियंस ट्रॉफी में माही जैसा विकेटकीपर कौन बन सकता है…इसमें ऋषभ पंत का नाम तो सबसे ऊपर आ रहा हैष लेकिन क्या इस चैंपियंशिप में धमाल कर पाएंगे?
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आगामी चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर तैयारियां और चर्चाएं जोरों पर हैं। इसमें सबसे बड़ी बहस यह है कि टीम के साथ कौन सा विकेटकीपर जाएगा।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए, ऋषभ पंत टीम में पहली पसंद के रूप में अपनी जगह बनाए रखने के प्रबल दावेदार हैं। उनकी विकेटकीपिंग के साथ-साथ बल्लेबाजी में आक्रामक शैली ने उन्हें भारतीय टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।
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हालांकि, टीम में बैकअप विकेटकीपर के चयन को लेकर चयनकर्ताओं के सामने एक बड़ी चुनौती है। इस भूमिका के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
टी20 फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले संजू सैमसन को इस बार टीम में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
सैमसन की आक्रामक बल्लेबाजी और उनकी विकेटकीपिंग कौशल उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
हालांकि, हालिया रिपोर्ट्स और टीम प्रबंधन के रुझान को देखते हुए, यह संभावना कम है कि उन्हें मौका मिल पाएगा।
ऐसी अटकलें हैं कि दूसरे विकेटकीपर के रूप में केएल राहुल को टीम में शामिल किया जा सकता है।
केएल राहुल, जो मुख्य रूप से एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं, ने पिछले कुछ समय में विकेटकीपिंग में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और बल्लेबाजी क्रम में स्थिरता लाने की क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।
अंततः यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता और टीम प्रबंधन किस रणनीति के तहत अपने विकेटकीपरों का चयन करते हैं।
ऋषभ पंत के अनुभव और प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए, वह पहली पसंद बने रहेंगे, लेकिन बैकअप विकेटकीपर का चयन टीम की रणनीति और जरूरतों पर निर्भर करेगा।
चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में हर निर्णय का महत्व होता है, और चयनकर्ताओं के लिए यह फैसला भारतीय टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
भारतीय क्रिकेट इतिहास में यादगार
संजू सैमसन ने पिछले साल टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
2024 में उनके प्रदर्शन को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यादगार बनाया गया। संजू सैमसन ने हाल के समय में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी प्रतिभा और कौशल का शानदार प्रदर्शन किया है।
2024 में, उन्होंने 436 रन बनाए और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से दर्शकों और विशेषज्ञों को प्रभावित किया।
खास बात यह है कि उन्होंने लगातार दो टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया, जो किसी भी भारतीय खिलाड़ी के लिए पहली बार हुआ।
इसके साथ ही, संजू सैमसन एक कैलेंडर वर्ष में टी20 इंटरनेशनल में तीन शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
यह प्रदर्शन न केवल उनकी बल्लेबाजी की ताकत को दिखाता है, बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी दावेदारी को भी मजबूत करता है।
संजू का टी20 फॉर्मेट में अनोखा रिकॉर्ड
उनकी कंसिस्टेंसी और बड़े मैचों में दबाव के बावजूद रन बनाने की क्षमता उन्हें भारतीय टीम का एक प्रबल उम्मीदवार बनाती है।
लेकिन, रिपोर्ट्स के अनुसार, 50 ओवर के इस मेगा टूर्नामेंट के लिए शायद उन्हें जगह नहीं दी जाएगी। संजू ने टी20 फॉर्मेट में लगातार दो शतक जमाकर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया।
वह ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने, जिसने उनकी प्रतिभा और क्षमता को विश्व पटल पर साबित किया।(Champions Trophy 2025)
इसके अलावा, उन्होंने एक साल में टी20 इंटरनेशनल में 3 शतक लगाने का कारनामा भी किया, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अलग मुकाम पर ले गया। उनकी इस उपलब्धि ने क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों को उनकी प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया।
संजू सैमसन CT के लिए मजबूत दावेदार
चुनाव प्रक्रिया में, प्रदर्शन के साथ-साथ टीम की रणनीति और संतुलन को ध्यान में रखा जाता है। इस संदर्भ में, संजू सैमसन का केस उनके हालिया प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
उनके फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उन्हें इस टूर्नामेंट में मौका दिया जाता है, तो वह निश्चित रूप से टीम के लिए अहम योगदान दे सकते हैं।
संजू सैमसन का यह प्रदर्शन उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। उनकी बल्लेबाजी में जो निरंतरता और विस्फोटकता दिखी है, वह किसी भी बड़े टूर्नामेंट में टीम के लिए एक बड़ा फायदा हो सकती है।
इसके बावजूद, रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि वह 50 ओवर के इस मेगा टूर्नामेंट के लिए टीम में शामिल नहीं हो सकते।
भारतीय क्रिकेट को चौंकाने वाला फैसला
यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारतीय क्रिकेट में चयन और रणनीतियां हमेशा चर्चा का विषय रहती हैं। दीपिका गोडारा जैसी कानूनी और प्रशासनिक विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में, भारतीय क्रिकेट बोर्ड और टीम प्रबंधन से उम्मीद की जाती है कि वे खिलाड़ियों की योग्यता और भविष्य की दृष्टि को प्राथमिकता देंगे।
संजू सैमसन का मामला इसी दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है।इसकी संभावित वजह यह हो सकती है कि चयनकर्ता और टीम प्रबंधन वनडे फॉर्मेट में कुछ अलग रणनीति अपना रहे हैं।
हालांकि, यह फैसला कई सवाल खड़े करता है क्योंकि संजू सैमसन का फॉर्म और प्रदर्शन उन्हें टीम के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है।(Champions Trophy 2025)
संजू के प्रशंसकों और क्रिकेट विशेषज्ञों को उम्मीद है कि उनके असाधारण प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े मंच पर उनकी मौजूदगी न केवल टीम की बल्लेबाजी को मजबूती देगी, बल्कि विपक्षी टीम पर दबाव भी बनाएगी। यदि उन्हें मौका नहीं दिया जाता, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक चौंकाने वाला फैसला होगा।
दूसरे MSD है हमारे ऋषभ पंत
RevSportz की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज की भूमिका को लेकर दो प्रमुख नामों पर विचार किया जा रहा है।
पहला नाम ऋषभ पंत का है, जिनकी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की काबिलियत पर किसी को कोई शक नहीं है।
उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और निर्णायक क्षणों में मैच बदलने की क्षमता ने उन्हें भारतीय टीम का प्रमुख सदस्य बना दिया है। चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के लिए पंत को टीम में शामिल करना लगभग तय माना जा रहा है।
दूसरा नाम केएल राहुल का है, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया है।(Champions Trophy 2025)
खासतौर पर, ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में राहुल ने भारतीय टीम के लिए विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली और अपनी उपयोगिता साबित की।
2024 के वनडे वर्ल्ड कप में, राहुल ने विकेटकीपर-बल्लेबाज की भूमिका निभाई और अपनी बल्लेबाजी से भारत के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।
उनका तकनीकी कौशल और मिडिल ऑर्डर में स्थिरता लाने की क्षमता टीम के लिए बेहद उपयोगी साबित हुई है।
ऋषभ पंत या केएल राहुल
रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि केएल राहुल का अनुभव और उनकी बहुआयामी भूमिका उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी में एक मजबूत दावेदार बनाती है।(Champions Trophy 2025)
हालांकि, यह देखना बाकी है कि टीम प्रबंधन किसे प्राथमिकता देता है। एक तरफ ऋषभ पंत का बेहतरीन फॉर्म और आक्रामकता है, तो दूसरी तरफ केएल राहुल की स्थिरता और रणनीतिक लचीलापन।
टीम चयन के इस फैसले का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में विकेटकीपर की भूमिका न केवल कैच और स्टंपिंग तक सीमित होती है, बल्कि मैच के दौरान एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका भी निभाती है।
ऋषभ पंत और केएल राहुल के बीच यह चयन भारतीय क्रिकेट की गहराई और प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है। फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ इस फैसले को लेकर उत्सुक हैं, क्योंकि यह निर्णय भारतीय टीम के प्रदर्शन को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी के मुकाबलों से बाहर(Champions Trophy 2025)
RevSportz की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ 9 फरवरी से शुरू होने वाली वनडे सीरीज से लगभग बाहर हो चुके हैं।
यह खबर टीम इंडिया और उसके फैंस के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि बुमराह का फिट रहना टीम के लिए न केवल वनडे सीरीज बल्कि आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
टीम मैनेजमेंट उनकी फिटनेस को लेकर गंभीरता से चिंतित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की टीम का हिस्सा जरूर होंगे, लेकिन उनकी चोट की स्थिति को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वह टूर्नामेंट के शुरुआती ग्रुप मुकाबलों में उपलब्ध नहीं रहेंगे।
उनकी अनुपस्थिति टीम इंडिया की गेंदबाजी लाइन-अप के लिए एक बड़ा नुकसान हो सकती है, क्योंकि बुमराह न केवल भारत के प्रमुख स्ट्राइक गेंदबाज हैं, बल्कि उनकी डेथ ओवर्स में गेंदबाजी की कला और दबाव में विकेट लेने की क्षमता उन्हें अद्वितीय बनाती है।
टीम मैनेजमेंट और फिजियोथैरेपिस्ट इस समय बुमराह की चोट को मैनेज करने और उन्हें टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों के लिए तैयार रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
नॉकआउट के लिए बुमराह की वापसी
रिपोर्ट के अनुसार, अगर उनकी चोट गंभीर होती है, तो टीम शुरुआती मैचों में उनके बिना मैदान पर उतरेगी। हालांकि, नॉकआउट चरण के लिए बुमराह की वापसी सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
इस स्थिति में भारतीय टीम को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। बुमराह की गैरमौजूदगी में, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, और अन्य युवा तेज गेंदबाजों को अपनी भूमिका बेहतर तरीके से निभानी होगी।
साथ ही, बुमराह की अनुपस्थिति में स्पिन विभाग पर भी अतिरिक्त जिम्मेदारी आ सकती है।
जसप्रीत बुमराह के फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। बुमराह का फिट रहना न केवल भारतीय टीम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ियों की फिटनेस और मैनेजमेंट कितना अहम हो गया है।
चैंपियंस ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में उनका योगदान भारत के खिताब जीतने के सपने को पूरा करने में निर्णायक साबित हो सकता है।