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भारत का अगला टेस्ट कप्तान कौन?रोहित शर्मा, बुमराह या कोहली को फिर मिलेगी कमान?

next test captainImage Source: hindustan times

next test captain: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 10 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम को सीरीज हार का सामना करना पड़ा। सिडनी में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराकर सीरीज 3-1 से अपने नाम की।

सिडनी में रविवार को भारत ने 6 विकेट से पांचवां टेस्ट गंवाया और सीरीज 3-1 से होम टीम के नाम हो गई।

यह हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है और इसका असर कप्तानी को लेकर हो रही चर्चा पर भी पड़ सकता है।कप्तान रोहित शर्मा न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली दोनों सीरीज हार चुके हैं।

सिडनी टेस्ट में हार और सीरीज गंवाने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में नेतृत्व में बदलाव तय माना जा रहा है। रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल गहराते जा रहे हैं, और जसप्रीत बुमराह की फिटनेस उन्हें कमजोर विकल्प बनाती है।

विराट कोहली की कप्तानी में वापसी का सुझाव फिर से उठने लगा है। अब यह देखना होगा कि बीसीसीआई किसे भारत का अगला टेस्ट कप्तान नियुक्त करता है।

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रोहित के बाद कौन?

BCCI के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा।
कोहली का अनुभव, बुमराह की फिटनेस, और युवा खिलाड़ियों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए अगला कप्तान चुनना होगा।
बोर्ड के पास एक और विकल्प यह हो सकता है कि किसी सीनियर खिलाड़ी को एक ट्रांजिशनल कप्तान बनाया जाए, जब तक कोई युवा खिलाड़ी पूरी तरह तैयार न हो जाए।

रोहित ने पांचवें टेस्ट में खुद को रेस्ट भी दिया, टेस्ट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उनकी कप्तानी जाना तय है। जसप्रीत बुमराह उप कप्तान हैं, लेकिन उनका इंजर्ड रहना टीम के लिए परेशानी बन सकता है।

विराट कोहली 3 साल पहले कप्तानी छोड़ चुके हैं, लेकिन सिडनी में उन्होंने बुमराह की गैरमौजूदगी में बेहतरीन कप्तानी की थी। आइए जानते है कि रोहित शर्मा के बाद भारत का अगला टेस्ट कप्तान कौन बन सकता है…

1. रोहित का बाहर होना तय क्यों?

रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी इस समय आलोचनाओं के घेरे में है। 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उनके खराब प्रदर्शन और कमजोर फैसलों के चलते टीम को लगातार झटके झेलने पड़े। आइए विस्तार से समझते हैं कि उनकी कप्तानी क्यों संकट में है। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से टेस्ट सीरीज हार गई।

यह हार भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ा झटका है क्योंकि भारत 12 साल बाद घर में कोई टेस्ट सीरीज हारा। टीम के प्रदर्शन में कमजोरी, खिलाड़ियों की फॉर्म, और रणनीतिक त्रुटियों ने इस हार में बड़ी भूमिका निभाई।

ऑस्ट्रेलिया में 10 साल बाद BGT में हार

ऑस्ट्रेलिया में रोहित ने 3 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिनमें से 2 में हार का सामना करना पड़ा और तीसरा मैच बारिश के कारण ड्रॉ रहा। इसी के साथ भारत ने 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) गंवा दी। ऑस्ट्रेलिया में रोहित का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा, जहां वह केवल 31 रन बना सके।

रोहित की खराब बल्लेबाजी

रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल उठने का सबसे बड़ा कारण उनका खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन है।
2024 का रिकॉर्ड: साल 2024 में रोहित 10 बार सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट हुए।

ऑस्ट्रेलिया में निराशा: वह महत्वपूर्ण सीरीज में रन बनाने में विफल रहे, और उनका औसत बेहद गिर गया।
सिडनी में ड्रॉप: खराब फॉर्म के कारण रोहित ने सिडनी टेस्ट में खुद को प्लेइंग 11 से बाहर कर लिया।
कप्तान के तौर पर, उनकी जिम्मेदारी केवल टीम को लीड करने की नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रदर्शन के जरिए टीम को प्रेरित करने की भी है।

बुमराह-कोहली की कप्तानी बेहतर

रोहित की तुलना में जसप्रीत बुमराह और विराट कोहली ने बेहतर कप्तानी का प्रदर्शन किया।
बुमराह का नेतृत्व: चोट के बावजूद, बुमराह ने जब भी कप्तानी की, वह टीम के लिए सकारात्मक साबित हुए। हालांकि, उनकी फिटनेस को लेकर चिंता बनी रहती है।
विराट कोहली की वापसी: सिडनी टेस्ट में बुमराह की अनुपस्थिति में कोहली ने बेहतरीन नेतृत्व दिखाया। उनकी आक्रामक शैली और रणनीतिक फैसले टीम को प्रेरित करने में सफल रहे।

रोहित की कप्तानी का भविष्य

रोहित शर्मा का टेस्ट कप्तान बने रहना अब बेहद मुश्किल लगता है। उनकी खराब फॉर्म, रणनीतिक कमजोरियां और लगातार सीरीज हारने के बाद, बीसीसीआई के पास नेतृत्व में बदलाव का विकल्प गंभीरता से विचार करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।

हिटमैन की कप्तानी में टीम इंडिया को हाल के दिनों में कई हार झेलनी पड़ी हैं। उनकी कमजोर फॉर्म और ऑस्ट्रेलिया में टीम के खराब प्रदर्शन ने उनके नेतृत्व पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।

बुमराह और कोहली ने बेहतर कप्तानी की मिसाल पेश की है, जिससे रोहित के विकल्प की तलाश शुरू हो गई है। बीसीसीआई को अब इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा कि भारत का अगला टेस्ट कप्तान कौन होगा।

2. बुमराह के कप्तान बनने में क्या परेशानी?

जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया, लेकिन उनकी फिटनेस और उपलब्धता हमेशा सवालों के घेरे में रहती है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि क्यों बुमराह भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए उपयुक्त तो हैं, लेकिन उनके साथ कुछ व्यावहारिक समस्याएं भी जुड़ी हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया में 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, बुमराह ने 2 टेस्ट मैचों में कप्तानी की।

पर्थ टेस्ट: बुमराह की कप्तानी में भारत ने पर्थ में शानदार जीत दर्ज की। उनके नेतृत्व में गेंदबाजों ने असाधारण प्रदर्शन किया।
सिडनी टेस्ट: हालांकि, सिडनी में भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में बुमराह को बैक स्पास्म की शिकायत हुई, जिससे वह पहली पारी के बाद गेंदबाजी नहीं कर सके। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय गेंदबाजी कमजोर पड़ गई, और ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीत लिया।

फिटनेस: बुमराह की सबसे बड़ी बाधा

बुमराह की फिटनेस उनकी कप्तानी के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती है। बुमराह 2022 में गंभीर रूप से इंजर्ड हुए थे, जिसके चलते वह करीब 15 महीने तक क्रिकेट से दूर रहे।

बुमराह को अक्सर लंबी सीरीज के दौरान रेस्ट की आवश्यकता होती है। खासकर लंबी टेस्ट सीरीज में बुमराह की अनुपस्थिति टीम के लिए बड़ा नुकसान हो सकती है।

क्या बुमराह को कप्तान बनाना सही?

बुमराह को टेस्ट कप्तान बनाने का फैसला सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों के साथ आता है:

पक्ष में…

बुमराह मैदान पर शांत और रणनीतिक सोच वाले कप्तान हैं।
उनके नेतृत्व में गेंदबाजों को स्पष्ट दिशा मिलती है।

विपक्ष में…

उनकी फिटनेस हमेशा सवालों के घेरे में रहती है।
लंबी सीरीज के दौरान उनकी गैरमौजूदगी टीम पर भारी पड़ सकती है।

कौन हो सकते हैं उप कप्तान?

विराट कोहली: अनुभव और नेतृत्व क्षमता में कोहली का कोई मुकाबला नहीं। वह बुमराह की गैरमौजूदगी में टीम को संभाल सकते हैं।
श्रेयस अय्यर या केएल राहुल: युवा खिलाड़ियों को भविष्य के कप्तान के रूप में तैयार करने के लिए यह मौका दिया जा सकता है।
भारत में स्थिति अलग है। भारत में घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान बुमराह का सभी मैच खेलना जरूरी नहीं होता। भारत की पिचों पर स्पिनरों का दबदबा रहता है, और तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल सीमित रहता है। ऐसे में टीम बुमराह के बिना भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

कप्तान के रूप में बुमराह का भविष्य

जसप्रीत बुमराह भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक मजबूत कप्तानी विकल्प हो सकते हैं, लेकिन उनकी फिटनेस एक बड़ा मुद्दा है।

अगर उन्हें कप्तान बनाया जाता है, तो टीम को उनकी अनुपस्थिति में स्थिरता बनाए रखने के लिए मजबूत उप कप्तान तैयार करने होंगे।

बुमराह की कप्तानी भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दे सकती है, लेकिन यह फैसला सोच-समझकर और दीर्घकालिक रणनीति के साथ लिया जाना चाहिए।

3. ऋषभ पंत को कप्तान बनाना रिस्की

भारत की टेस्ट टीम में वर्तमान समय में केवल तीन खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनकी प्लेइंग-11 में जगह पूरी तरह सुरक्षित मानी जा सकती है—जसप्रीत बुमराह, यशस्वी जायसवाल, और ऋषभ पंत। इन तीनों खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से न केवल टीम में अपनी जगह पक्की की है, बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों में बेजोड़ साबित हुए हैं।

जायसवाल- टीम का भविष्य

यशस्वी जायसवाल भारतीय टीम के उभरते सितारे हैं। जायसवाल ने अपनी उम्र के मुकाबले मैच्योरिटी और बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया है। यशस्वी जायसवाल ने टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया है।

उन्होंने सीमित अवसरों में अपनी क्लास दिखाई है, और आने वाले वर्षों में भारतीय बल्लेबाजी क्रम के मुख्य स्तंभ बनने की पूरी क्षमता रखते हैं।

 पंत: अनमोल विकेटकीपर-बल्लेबाज

बेस्ट विकेटकीपर-बल्लेबाज: ऋषभ पंत ने पिछले 6 वर्षों में खुद को दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर-बल्लेबाजों में शामिल किया है।
मैच विनर: कठिन परिस्थितियों में मैच जिताने की उनकी क्षमता कई बार साबित हो चुकी है।
सिडनी टेस्ट: सिडनी की कठिन पिच पर खेली गई उनकी शानदार पारी ने भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

ऋषभ पंत रिस्क या मौका?

पंत को कप्तान बनाना टीम इंडिया के लिए एक रोमांचक लेकिन जोखिम भरा फैसला हो सकता है।

रिस्क फैक्टर: पंत की बल्लेबाजी शैली जोखिम भरी होती है। वह आक्रामक खेल में विश्वास रखते हैं, जो कभी-कभी टीम को मुश्किल में डाल सकता है। उनके अनुभव की कमी कप्तानी के दबाव में चुनौती बन सकती है।
पॉजिटिव रिजल्ट: उनकी कप्तानी का स्टाइल उनकी बल्लेबाजी की तरह आक्रामक और साहसी हो सकता है। टीम को अप्रत्याशित लेकिन सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

पंत भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान?

अगर भारतीय टीम युवा नेतृत्व के साथ प्रयोग करना चाहती है, तो ऋषभ पंत एक उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं। उनकी बैटिंग की तरह उनकी कप्तानी भी शॉकिंग लेकिन प्रभावी साबित हो सकती है।

वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो न केवल टीम के लिए निरंतरता ला सकते हैं, बल्कि अपनी आक्रामकता से विपक्षी टीमों को हैरान भी कर सकते हैं।

यशस्वी जायसवाल, जसप्रीत बुमराह, और ऋषभ पंत भारतीय टीम के वर्तमान और भविष्य हैं। इनमें से पंत को कप्तान बनाने का फैसला भारतीय क्रिकेट में नई क्रांति ला सकता है। हालांकि, यह एक साहसी और सोची-समझी रणनीति के तहत लिया गया निर्णय होना चाहिए।

4. शुभमन गिल को कप्तानी देना जल्दबाजी

शुभमन गिल भी भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की रेस में बने हुए हैं। वह पहले ही वनडे और टी-20 फॉर्मेट में टीम की कप्तानी कर चुके हैं, जिससे उनके नेतृत्व कौशल की झलक मिलती है।

मौजूदा युवा बैटर्स में यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, और शुभमन गिल ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम का स्थायी हिस्सा नजर आते हैं। शुभमन की उम्र अभी 25 साल है, और यही वह उम्र थी जब विराट कोहली ने भारतीय टीम की कमान संभाली थी।

हालांकि, अगर शुभमन को अभी कप्तानी का मौका नहीं मिलता, तो टीम मैनेजमेंट उन्हें उप-कप्तान बनाकर भविष्य के लिए तैयार कर सकती है।

पिछले पांच वर्षों में, जब दुनियाभर की पिचें बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण रही हैं, शुभमन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 शतक लगाए हैं।

उनका यह प्रदर्शन यह साबित करता है कि वे न केवल वर्तमान में, बल्कि भविष्य में भी भारतीय क्रिकेट के लिए एक मजबूत विकल्प हैं। शुभमन की स्थिरता, तकनीक और नेतृत्व क्षमता उन्हें भविष्य के कप्तान के रूप में देखने की उम्मीद बढ़ाती है।

5. क्या कोहली फिर संभालेंगे कमान?

विराट कोहली भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक माने जाते हैं। 2020 में, ICC ने उन्हें दशक की बेस्ट टेस्ट टीम का कप्तान भी घोषित किया था।

कोहली ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए पहली बार हुआ था। इसके बाद, भारत ने 2021 में भी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती।

सिडनी टेस्ट के दौरान, जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में कोहली ने टीम की कप्तानी करते हुए पहली पारी में महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई, हालांकि दूसरी पारी में सीमित संसाधनों के चलते वह कंगारू बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं बना सके।

कोहली के नाम SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में 7 टेस्ट जीत दर्ज हैं, जो किसी भी एशियाई कप्तान के लिए सबसे ज्यादा है।

जनवरी 2022 में कोहली ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद भारतीय टीम के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई।

भारत घरेलू टेस्ट में 3 अलग-अलग टीमों से हारा, और न्यूजीलैंड जैसी टीम के खिलाफ व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा।

यह स्थिति भारतीय क्रिकेट के लिए अभूतपूर्व थी, क्योंकि इससे पहले न्यूजीलैंड भारत में लगातार दो टेस्ट भी नहीं जीत पाया था।

हालांकि, कोहली का व्यक्तिगत प्रदर्शन पिछले 5 वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में औसत ही रहा। इस दौरान उन्होंने केवल 2 शतक लगाए।

साथ ही, BCCI की परंपरा रही है कि वह पुराने कप्तानों को दोबारा स्थाई रूप से कप्तानी नहीं देती। अगर कोहली को फिर से कप्तान बनाया भी जाता है, तो वह केवल 2 साल तक ही इस भूमिका में रह सकते हैं। इसके बाद BCCI को एक नया कप्तान तलाशना होगा।

विराट कोहली की अटैकिंग कप्तानी और टीम को ऊंचाई पर ले जाने की उनकी क्षमता उन्हें भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन टेस्ट कप्तानों में शामिल करती है।

6. राहुल बन सकते हैं मजबूत उम्मीदवार

केएल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट से ही बेहतरीन ओपनिंग और बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया।

उन्होंने पूरी सीरीज में 30.66 की औसत से 276 रन बनाए और टॉप-5 स्कोरर में अपनी जगह बनाई। पिछले 5 वर्षों में विदेशी पिचों पर राहुल भारत के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं।

राहुल को तीन मैचों में कप्तानी का अनुभव है, जिनमें से दो में टीम को जीत हासिल हुई। अगर टीम मैनेजमेंट स्थिरता और भरोसेमंद विकल्प को प्राथमिकता देता है, तो केएल राहुल से बेहतर कप्तान शायद ही कोई हो।

उनकी कप्तानी का स्टाइल न तो विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसा अटैकिंग है और न ही रोहित शर्मा जितना डिफेंसिव। राहुल का संतुलित दृष्टिकोण उन्हें एक अलग ही काबिलियत प्रदान करता है।

टेस्ट क्रिकेट में भारत को एक स्थायी और रणनीतिक कप्तान की जरूरत है, और राहुल इस भूमिका के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं। उनके नेतृत्व और खेल की समझ पर भरोसा जताकर टीम मैनेजमेंट भविष्य के लिए एक ठोस कदम उठा सकता है।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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