Ind vs Aus: भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े सितारे, रोहित शर्मा और विराट कोहली, अपने करियर के अंतिम दौर में नजर आ रहे हैं।
टेस्ट क्रिकेट में दोनों का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से निराशाजनक रहा है, और ऑस्ट्रेलिया दौरे की मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी ये स्थिति बदली नहीं है।
इसे पहले ही उनके लिए ‘करो या मरो’ की सीरीज माना जा रहा था, और अब ऐसा लगता है कि चयनकर्ता उनके भविष्य पर सख्त निर्णय ले सकते हैं।
अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद चयनकर्ता रोहित और विराट को टेस्ट टीम से ड्रॉप करने का फैसला लेते हैं, तो सवाल उठता है कि उनकी जगह लेने के लिए कौन से खिलाड़ी तैयार हैं?
टीम इंडिया का अगला टेस्ट जून 2025 में होगा, चाहे वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हो या फिर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज।
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इस बीच, कुछ युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऐसे हैं, जो इन दिग्गजों की जगह भरने के लिए तैयार दिखते हैं।
शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, पृथ्वी शॉ, रुतुराज गायकवाड़, और सरफराज खान जैसे नाम भारतीय क्रिकेट के भविष्य की उम्मीद जगाते हैं।
इनके पास न केवल तकनीकी कौशल है, बल्कि लंबी पारी खेलने का धैर्य और आत्मविश्वास भी है। इंग्लैंड दौरे पर नए चेहरों को मौका देकर चयनकर्ता टीम को युवा और नई ऊर्जा से भर सकते हैं।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहित और विराट की विदाई के बाद टीम इंडिया का यह नया अध्याय किस तरह आकार लेता है।
सरफराज-अय्यर और जुरेल (Ind vs Aus)
टीम इंडिया के पास ऐसे कुछ युवा खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से भविष्य की उम्मीदें जगाई हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम हैं श्रेयस अय्यर और सरफराज खान।
श्रेयस अय्यर भले ही फिलहाल टीम से बाहर हैं, लेकिन उनकी वापसी की संभावनाएं बेहद मजबूत हैं। अपनी दमदार तकनीक और संयमित बल्लेबाजी से उन्होंने पहले ही खुद को साबित किया है।
दूसरी ओर, सरफराज खान ने घरेलू क्रिकेट में अपनी शानदार फॉर्म और रिकॉर्ड के दम पर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है।
भले ही उन्हें इस सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन उनका टीम का नियमित हिस्सा बनना लगभग तय है।
इसके अलावा, युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल का नाम भी चर्चा में है। हालांकि, पर्थ टेस्ट में वह सफल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से करियर में अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है।
जुरेल की बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों में प्रभावशाली क्षमता है, जो उन्हें टीम इंडिया के लिए बहुमूल्य खिलाड़ी बनाती है।
इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के दम पर टीम इंडिया आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छू सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल रहे।
दो युवा बल्लेबाज भी हैं दावेदार
श्रेयस अय्यर, सरफराज खान, और ध्रुव जुरेल के अलावा, टीम इंडिया के पास कुछ और उभरते हुए सितारे हैं, जो भविष्य में टीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं। इनमें साई सुदर्शन और तिलक वर्मा का नाम सबसे ऊपर है।
साई सुदर्शन
तमिलनाडु के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ इंडिया ए के लिए शानदार शतक लगाकर अपनी काबिलियत का सबूत दिया।
इसके साथ ही, रणजी ट्रॉफी और इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप में सरे की ओर से खेलते हुए उन्होंने अपनी क्लास और कंसिस्टेंसी दिखाई।(Ind vs Aus)
सिर्फ 23 साल की उम्र में साई सुदर्शन ने 28 फर्स्ट क्लास मैचों में 41 की औसत से 1948 रन बनाए हैं, जो उनकी काबिलियत और भविष्य की स्थिरता को दर्शाता है। उनकी तकनीक और संयम उन्हें लंबी रेस का घोड़ा बनाते हैं।
तिलक वर्मा(Ind vs Aus)
हैदराबाद के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने टी20 इंटरनेशनल में पहले ही अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया है। अब रेड बॉल क्रिकेट में भी वह अपनी पहचान बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तिलक ने अब तक 18 मैच खेले हैं और 50 की बेहतरीन औसत से 1204 रन बनाए हैं। उनकी मिडिल ऑर्डर बैटिंग टीम को स्थिरता और गहराई दे सकती है।
जगह बना पाएंगे पाटीदार-गायकवाड़?
इनके अलावा दो सीनियर फर्स्ट क्लास बल्लेबाज भी हैं, जिन्हें रेड बॉल क्रिकेट के अनुभव को देखते हुए मौका मिल सकता है.
इसमें से एक हैं महाराष्ट्र के बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़, जिन्होंने 37 फर्स्ट क्लास मैच में 41.52 की औसत से 2533 रन बनाए हैं.
हालांकि उनके लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा अच्छा नहीं रहा था लेकिन उनकी काबिलियत किसी से छुपी नहीं हैं.
वहीं दूसरे बल्लेबाज हैं मध्य प्रदेश के रजत पाटीदार, जो इस वक्त वाइट बॉल क्रिकेट में विस्फोटक फॉर्म में हैं लेकिन लंबे फॉर्मेट के भी उतने ही अच्छे बल्लेबाज हैं.
उन्होंने 66 मैच में 43 की औसत से 4636 रन बनाए हैं. हालांकि पाटीदार ने इस साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और 3 मैच भी खेले थे, जिसमें वो सिर्फ 63 रन बना सके थे लेकिन गायकवाड़ की ही तरह उनकी काबिलियत भी किसी से छुपी नहीं है और शायद दूसरा मौका मिलने पर वो उसे भुना सकें.