नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में तकनीकी आधार पर फाइनल मुकाबले से बाहर हुईं पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को पेरिस से लौटीं। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर ढोल नगाड़े के साथ उनका स्वागत किया गया। विनेश का वजन सौ ग्राम ज्यादा होने की वजह से वे फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाई थीं। बाद में उन्होंने रजत पदक के लिए अपील की थी लेकिन वह अपील खारिज हो गई, जिसके बाद वे खाली हाथ वापस लौटीं। इसके बावजूद हवाईअड्डे पर उनका चैंपियन की तरह स्वागत हुआ। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और चैंपियन पहलवान बजरंग पुनिया भी उनके साथ थे।
विनेश दिल्ली हवाईअड्डे पर करीब 11 बजे बाहर आईं। इस दौरान वे अपनी साथी पहलवान साक्षी मलिक के गले लगकर रोने लगीं। इसके बाद विनेश खुली गाड़ी में हरियाणा स्थित अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुईं। दिल्ली हवाईअड्डे पर स्वागत देख कर विनेश ने कहा- पूरे देशवासियों का बहुत बहुत धन्यवाद, मैं बहुत भाग्यशाली हूं। बाद में झज्जर पहुंचने पर विनेश ने कहा- मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। जो मान सम्मान आप लोगों ने दिया है, ये हजार ओलंपिक गोल्ड मेडल से बड़ा है।
विनेश के पति सोमवीर राठी ने कहा- हमसे अब कुश्ती नहीं हो पाएगी। हमारे साथ कोई खड़ा नहीं था। हम अंदर से टूट चुके हैं। मैं उसे संन्यास वापस लेने को नहीं मनाऊंगा। बहरहाल, दिल्ली हवाईअड्डे से विनेश के पैतृक गांव बलाली तक करीब 125 किलोमीटर के रास्ते में उनका जगह जगह स्वागत हुआ। विनेश का काफिला करीब 10 घंटे में अपने गांव पहुंचा और इस दौरान कम से कम 50 जगहों पर उनका स्वागत हुआ। गांव के खेल स्टेडियम में उनके स्वागत का भव्य कार्यक्रम रखा गया था। राज्य सरकार भी कार्यक्रम में शामिल होने वाली थी लेकिन एक दिन पहले ही आचार संहिता लग जाने के कारण राज्य सरकार इन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुई।