पेरिस। भारतीय पहलवान रीतिका हुड्डा ने शनिवार को यहां पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 76 किग्रा क्वार्टर फाइनल मुकाबले में शीर्ष वरीयता प्राप्त एइपेरी मेडेट काइजी के खिलाफ मजबूत रक्षण दिखाया लेकिन बराबरी पर छूटे मैच में आखिरी अंक गंवाने के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
एशियाई खेलों की चैंपियन और विश्व चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता को इस भार वर्ग में ओलंपिक का टिकट कटाने वाली पहली भारतीय रीतिका ने दांव पर अंक हासिल करने का मौका नहीं दिया।
पिछले साल अंडर 23 विश्व चैम्पियनशिप (72 किग्रा भार वर्ग) में जीत हासिल करने वाली 21 साल रीतिका के पास अनुभव की कमी दिखी। वह अगर थोड़ा आक्रामक रूख अपनाती तो शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान के खिलाफ उलटफेर कर सकती थी।
नियमों के अनुसार मुकाबला बराबर रहने पर आखिरी अंक बनाने वाले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता है। इस नतीजे से निराश भारतीय कोच वीरेंद्र दाहिया ने कहा, ‘‘ आप सिर्फ रक्षात्मक रवैये के साथ बाउट नहीं जीत सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘”हां, उसने अच्छी लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर आपकी मजबूत रक्षा आपको जीत नहीं दिलाती तो इसका क्या फायदा है। रीतिका ने उसे हमला नहीं करने दिया लेकिन वह खुद भी आक्रमण नहीं कर सकी। आप एक अंक से हारते हैं, या 10 अंक से, आप हारते हैं। रीतिका के पास इस मुकाबले को जीतने का अच्छा मौका था।’’
किर्गिस्तान की पहलवान ने रीतिका की दोनों पैरों पर हमले के साथ आक्रामक शुरुआत की, लेकिन रीतिका ने ऊपरी शरीर की जबरदस्त ताकत का इस्तेमाल करते हुए अपनी पकड़ बनाए रखी। रीतिका का रक्षण अगर मजबूत नहीं होता तो एइपेरी उन्हें टेकडाउन कर सकती थी।
एइपेरी के ‘पैसिविटी (अति रक्षात्मक रवैया) ’ के कारण रीतिका को शुरूआती पीरियड में बढ़त बनाने का मौका मिला। रीतिका ने दूसरे पीरियड में इसी अंदाज में बढ़त को गंवा दिया। स्कोर बराबर होने के बाद एइपेरी को बस रीतिका को मौका देने से बचना था और वह अपने पूरे अनुभव का इस्तेमाल कर ऐसा करने में सफल रही।
रीतिका की किस्मत अब अगले मुकाबले में एइपेरी के नतीजे पर निर्भर करेगी। अगर वह फाइनल में पहुंचती है तो रीतिका को रेपेचेज दौर में कांस्य पदक के लिए प्ले-ऑफ में खेलने का मौका मिलेगा।
रीतिका कुश्ती में भाग लेने वाली पांच भारतीय महिलाओं में से आखिरी हैं। अंतिम पंघाल (50 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा) और निशा दहिया (68 किग्रा) पहले ही प्रतियोगिता से बाहर हो चुके हैं।