paris olympic games: ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना हर एक एथलीट देखता है और ओलंपिक को खेलों का सबसे बड़ा इवेंट माना जाता है. इसमें जिसमें हजारों खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. प्रत्येक खेल से कोई ना कोई खिलाड़ी इसमें हिस्सा जरूर लेते है. ओलंपिक गेम्स का आयोजन हर 4 साल में 1 बार किया जाता है. ओलंपिक गेम्स की शुरूआत सबसे पहले वर्ष 1896 में हुई थी. इस बार ओलंपिक का आयोजन पेरिस में होने जा रहा है. ओलंपिक गेम्स का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है. यहां दुनिया के 10 हजार से भी ज्यादा एथलीट मेडल जीतने की दावेदारी पेश करेंगे. हर एथलीट सोचता है कि गेम्स में कोई ना मेडल तो जीतकर ही जाएं..लेकिन ओलंपिक में कुछ ऐसे भी मौके देखने को मिले हैं जब खेल के बीच खिलाड़ियों ने अपनी जान गंवाई है.
लाजारो…या तो मैं जीतूंगा या मैं मर जाऊंगा
पुर्तगाल के फ्रांसिस्को लाजारो ओलंपिक के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पहले एथलीट थे. फ्रांसिस्को लाजारो एक पुर्तगाली ओलंपिक मैराथन धावक थे और 1912 स्टॉकहोम ओलंपिक में वह पुर्तगाल के पहले ध्वजवाहक भी थे. अपने समय के सभी ओलंपिक एथलीटों की तरह फ्रांसिस्को लाजारो फुल टाइम एडलीट नहीं थे, वह लिस्बन में एक ऑटोमोबाइल कारखाने में कारपेंटर की नौकरी करते थे. 1912 ओलंपिक से पहले उन्होंने पुर्तगाल में तीन राष्ट्रीय मैराथन चैंपियनशिप जीती थीं. लेकिन ओलंपिक मैराथन के दौरान वह 30 किलोमीटर के निशान पर गिर गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. जब वह गिरे थे तो उनके शरीर का तापमान 41 °C था. बाद में जांच में पता चला था कि लाजारो ने धूप से बचने और दौड़ते समय गति और हल्कापन बनाए रखने के लिए अपने शरीर के बड़े हिस्से को किसी हार्ड फेटी टिश्यू (Suet) से ढक लिया था, जिससे उनके शरीर के तरल पदार्थ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो गए थे. बता दें, उन्होंने मैराथन से पहले ये भी कहा था कि या तो मैं जीतूंगा या मैं मर जाऊंगा.
इस साइकिलिस्ट की बीच रेस हुई मौत
ओलंपिक में अपनी जान गंवाने वाले खिलाड़ियों में डेनमार्क के साइकिलिस्ट कुंड एगमार्क जेन्सेन भी शामिल हैं, जिनकी मौत इटली के रोम में 1960 ओलंपिक के दौरान हुई थी. जेन्सेन का जन्म आरहूस में हुआ था. अपने करियर के दौरान कुंड एगमार्क जेन्सेन डोपिंग में भी फंसे थे. 26 अगस्त, 1960 को रोम ओलंपिक में 100 km की साइकिलिंग टीम की ट्रायल रेस रोम के वियाले क्रिस्टोफोरो कोलंबो में 40 डिग्री सेल्सियस में आयोजित की गई थी. चार पुरुषों की डेनमार्क टीम के एक खिलाड़ी जोर्गेन बी जोर्गेनसन रेस की पहली लैप के बाद सनस्ट्रोक के कारण दौड़ से बाहर हो गए. इसके बाद बचे हुए 3 खिलाड़ियों ने रेस पूरी करना का फैसला लिया था. लेकिन इस दौरान कुंड एगमार्क जेन्सेन ने अपने साथियों से कहा कि थी उन्हें चक्कर आ रहा है और फिर वह गिर गए थे, जिसके चलते फुटपाथ पर उनके सिर की हड्डी टूट गई थी. इसके बाद जेन्सन को एम्बुलेंस द्वारा फिनिश लाइन तक ले जाया गया, जहां हीट स्ट्रोक के कारण उनकी मौत हो गई थी. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी