पुरानी पेंशन योजना पर कमाल की राजनीति हो रही है। विपक्षी पार्टियां हर चुनावी राज्य में इसकी घोषणा कर रही हैं। कांग्रेस ने इससे एक कदम आगे बढ़ कर अपने शासन वाले दो राज्यों- राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इसे लागू किया और उसके बाद हिमाचल प्रदेश में इसका प्रचार किया। जीतने के बाद हिमाचल प्रदेश में भी इसे लागू कर दिया गया। आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब में इसकी पहल की है। इसी तर्ज पर सीपीएम ने ऐलान किया है कि अगर वह त्रिपुरा विधानसभा का चुनाव जीतती है तो राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी। पार्टी ने अलग अलग कारणों से हटाए गए सरकारी कर्मचारियों को फिर से बहाल करने का वादा भी चुनाव प्रचार में किया है।
अब सवाल है कि त्रिपुरा में वादा करने से पहले सीपीएम ने अपने शासन वाले राज्य केरल में क्यों नहीं पुरानी पेंशन योजना को लागू कर रही है? पार्टी के पूर्व महासचिव और केरल के रहने वाले प्रकाश करात ने त्रिपुरा के लिए घोषणा की। ध्यान रहे केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को करात का करीबी माना जाता है। लेकिन वहां पुरानी पेंशन योजना पर अभी तक विचार ही हो रहा है। लगातार दो बार से सीपीएम चुनाव जीत कर सरकार बना रही है लेकिन अभी तक पेंशन योजना को नहीं बदला गया है। सरकार की कमेटी इस पर विचार कर रही है। कहा जा रहा है कि जिस नई पेंशन योजना को राज्य सरकार ने 2013 में अपनाया था उसे बदल कर पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। लेकिन पार्टी की ओर से त्रिपुरा में इसकी घोषणा कर दी गई है।