बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि तालमेल की बात होगी तभी तो तालमेल होगा। उन्होंने कहा कि एक बार राहुल की यात्रा समाप्त हो जाए तो सब बैठ कर बात करेंगे। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कहा कि सब बैठ कर तालमेल की बात करेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के साथ तालमेल जरूरी है। सोचें, सब तालमेल की बात कर रहे हैं और भाजपा को हराने के लिए इसे जरूरी मान रहे हैं लेकिन प्रयास कौन कर रहा है? इस सवाल को ऐसे भी पूछ सकते हैं कि तालमेल का प्रयास कौन करेगा? प्रादेशिक पार्टियों के नेता तो तय हैं। उनके यहां कोई कंफ्यूजन नहीं है। सबको पता है कि किससे बात करनी है। लेकिन कांग्रेस की ओर से कौन बात करेगा?
क्या राहुल गांधी खुद सभी विपक्षी पार्टियों के साथ बात करेंगे या मल्लिकार्जुन खड़गे यह काम करेंगे? कांग्रेस ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल हैं क्या वे विपक्षी पार्टियों से बात कर सकते हैं? या दिग्विजय सिंह और कमलनाथ में से कोई बात करेगा? मुश्किल यह है कि अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह आदि सारे नेता इस साल के आखिर तक अपने राज्य के चुनाव में बिजी रहने वाले हैं। सो, कांग्रेस को ऐसा ढांचा बनाना होगा, जिसमें चुनाव की तैयारियों के साथ साथ विपक्षी पार्टियों से तालमेल की बात भी होती रहे। बातचीत कौन करेगा कि तरह ही एक अहम सवाल यह है कि बातचीत कब होगी? अगर कांग्रेस साल के अंत तक चुनाव समाप्त होने और उसके बाद बातचीत करने के बारे में सोच रही है तो वह ठीक नहीं है क्योंकि भाजपा ने अभी से एडवांस तैयारी शुरू कर दी है। सो, तालमेल की बात कौन करेगा और बातचीत कब होगी, इस पर अभी विचार करना चाहिए।