पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की एक और बस छूट गई। केंद्र सरकार से हटने के बाद से कहा जा रहा था कि उनको राज्यपाल बनाया जाएगा। कई लोग तो उनको जम्मू कश्मीर का उप राज्यपाल बना रहे थे। लेकिन पिछले दिनों केंद्र सरकार ने 13 राज्यों में नए राज्यपाल बनाए, जिसमें छह नए चेहरे थे। उसमें भी नकवी को जगह नहीं मिली। उत्तर प्रदेश के दो नए नेताओं को राज्यपाल बनाया गया। कुल मिला कर उत्तर प्रदेश के पांच नेताओं को किसी न किसी राज्य का राज्यपाल या उप राज्यपाल बनाया जा चुका है। अब नकवी को केंद्र सरकार से बाहर हुए और राज्यसभा की सदस्यता समाप्त हुए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं और उनको कहीं भी एडजस्ट नहीं किया गया।
वे केंद्रीय मंत्री थे और इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता तय मानी जा रही थी। पर पार्टी ने उनको राज्यसभा में नहीं भेजा। उसके बाद कहा गया कि रामपुर लोकसभा की खाली हुई सीट पर उनको टिकट दी जाएगी। लेकिन वह टिकट भी नहीं मिली और राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होते ही वे सरकार से बाहर हो गए। उसके बाद उनको राज्यपाल या उप राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा शुरू हुई। लेकिन वह भी नहीं मिली। तभी सवाल है कि वे क्या करेंगे? वे रामपुर में काफी सक्रिय हैं और पिछले दिनों उन्होंने ‘जय श्रीराम- रामायण’ नाटक का आयोजन कराया था। एक घंटे के इस नाटक का निर्देशन पुनीत इस्सर करते हैं, जो महाभारत सीरियल में दुर्योधन का किरदार निभा चुके हैं।
रामपुर में नकवी की सक्रियता के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे स्वार की खाली हुई विधानसभा सीट पर लड़ेंगे? आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता समाप्त होने से यह सीट खाली हुई है। ध्यान रहे इससे पहले पार्टी का मुस्लिम चेहरा रहे सैयद शाहनवाज हुसैन को भी बिहार की राजनीति में भेजा गया था। उसी तरह क्या नकवी भी प्रदेश की राजनीति में जाएंगे?