देश के दूसरे सबसे बड़े कानूनी अधिकारी यानी सॉलिसीटर जनरल के रूप में तुषार मेहता का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। उनके साथ साथ नौ अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इसका मतलब है कि गर्मियों की छुट्टी के बाद जब अदालत शुरू होगी उस समय भारत सरकार की कानूनी टीम बदली हुई हो सकती है। हालांकि इस बारे में पक्के तौर पर कोई कुछ नहीं बता सकता है। खास कर तुषार मेहता के बारे में, जिनका मौजूदा केंद्र सरकार के साथ अच्छा तालमेल बना हुआ है। वे नरेंद्र मोदी की पहली सरकार बनने के तुरंत बाद जून 2014 में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नियुक्त हुए थे। इसके बाद अक्टूबर 2018 में उनको सॉलिसीटर जनरल बनाया गया था। 30 जून 2020 को तीन साल का सेवा विस्तार मिला था, जो इस साल 30 जून को समाप्त हो रहा है।
उनके बारे में कई बार यह चर्चा भी हुई कि वे देश के नंबर एक कानूनी अधिकारी यानी अटॉर्नी जनरल बन सकते हैं। 30 जून 2020 को जब केके वेणुगोपाल को एक साल का सेवा विस्तार मिला था तब भी चर्चा हुई थी कि एक साल बाद तुषार मेहता एजी बन सकते हैं। लेकिन उसके बाद भी उनको सेवा विस्तार मिलता रहा और अंत में पिछले साल जब वे रिटायर हुए तो अक्टूबर 2022 में आर वेंकटरमनी को एजी नियुक्त कर दिया गया। सो, तुषार मेहता का इंतजार लंबा हो गया। सो, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे केंद्र सरकार की कानूनी टीम में बने रहते हैं या नहीं। 2014 में जो कानूनी टीम बनी थी उसमें मुकुल रोहतगी एजी और रंजीत कुमार एसजी बनाए गए थे। लेकिन दोनों रिटायर हो गए। अरुण जेटली के कानून मंत्री रहते बिल्कुल शुरुआती टीम जो बनी थी उसमें से संभवतः तुषार मेहता अकेले हैं, जो अब भी कानूनी अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं।