कर्नाटक में चुनाव जीतने का कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा तेलंगाना में होगा। नतीजे आने के तुरंत बाद कांग्रेस के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि डीके शिवकुमार कांग्रेस को तेलंगाना में लड़वाएंगे। तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को शिवकुमार का करीबी माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं के विरोध के बावजूद शिवकुमार ने ही रेवंत रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष बनवाया और काफी लॉबिंग के बावजूद हटने नहीं दिया। सो, जानकार सूत्रों का कहना है कि रेड्डी को शिवकुमार मदद करेंगे और मजबूती से कांग्रेस को चुनाव लड़वाएंगे।
कांग्रेस के भारत राष्ट्र समिति के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से बदला भी लेना है। चंद्रशेखर राव ने कर्नाटक में जेडीएस के लिए प्रचार किया था और उसका मकसद यह था कि किसी तरह से कांग्रेस नहीं जीत पाए। उनको पता था कि कांग्रेस जीतेगी तो तेलंगाना पर इसका असर होगा। कांग्रेस नेताओं की बात से यह भी स्पष्ट हो गया है कि तेलंगाना में कांग्रेस तालमेल नहीं करने जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। वहां कांग्रेस अलग तेलंगाना राज्य बनाने का श्रेय लेकर प्रचार करेगी। कांग्रेस का प्रचार उसको फायदा पहुंचा सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस बहुत जोर लगा कर लड़ेगी तो उसका फायदा भाजपा को हो सकता है क्योंकि कांग्रेस, बीआरएस और एमआईएम का वोट आधार लगभग एक है। ऐसे में तीनों के ताकत लगा कर लड़ने से त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है। कांग्रेस इस स्थिति में भी खुश है क्योंकि उसके बाद सरकार बनाने के लिए बीआरएस उसके ऊपर निर्भर करेगी।