कांग्रेस में कमाल के नेता हैं और कांग्रेस के लिए प्रतिबद्ध पत्रकार भी कमाल के हैं। पार्टी के रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी ने बहुत साफ शब्दों में राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया। लेकिन उनके भाषण के तुरंत बाद कांग्रेस के नेता लीपापोती में लग गए। उन्होंने कहना शुरू किया कि सोनिया वे संन्यास की बात नहीं कही है, बल्कि उन्होंने अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने की बात कही है। कांग्रेस में कुछ नेताओं ने यह बात कही और प्रतिबद्ध पत्रकारों ने कहना शुरू किया कि सोनिया संन्यास नहीं ले रही हैं। आगे बढ़ कर यहां तक कहा गया कि वे कार्य समिति की स्थायी सदस्य बन रही हैं तो संन्यास कैसे ले सकती हैं?
सोचें, कार्य समिति का सदस्य रहने और सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बीच क्या संबंध है? वे अब भी स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य हैं लेकिन बैठक में शामिल नहीं होती हैं। उसी तरह सम्मान के तौर पर उनको कार्य समिति का सदस्य बनाया जाएगा लेकिन वे सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लेंगी। वे चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। उन्होंने बहुत सोच समझ कर शब्दों का चयन किया। उन्होंने कहा कि उनको खुशी है कि उनकी पारी का समापन भारत जोड़ो यात्रा के साथ हो सकता है। सोचें, उनकी किस पारी का समापन नहीं हुआ है, जो भारत जोड़ो यात्रा के साथ हो सकता है? स्वाभाविक है कि वे राजनीतिक पारी की बात कर रही थीं। अध्यक्ष के नाते तो उनकी पारी अक्टूबर में ही समाप्त हो गई, जबकि भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को समाप्त हुई है। इसलिए उन्होंने राजनीतिक पारी के समापन की बात कही है। अपने संन्यास की बात कही है