भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को डेढ़ साल का विस्तार दे दिया है। अब वे जून 2024 तक अध्यक्ष रहेंगे। इस पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है क्योंकि कांग्रेस खुद ही सोनिया गांधी के कार्यकाल का तीन साल तक विस्तार करती रही थी और प्रादेशिक पार्टियों में तो लोग 25-25 साल से अध्यक्ष हैं। सो, पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र की चर्चा अब स्थगित है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को विस्तार देने के साथ ही राज्यों में भी पार्टी के संगठन का चुनाव रूक गया है और पूरी पार्टी चुनाव तैयारी में लग गई है। जिन राज्यों में इस साल चुनाव होने वाले हैं वहां शायद अध्यक्ष नहीं बदले जाएं। पहले कर्नाटक और राजस्थान में अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा थी। मध्य प्रदेश में भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति की बात थी। लेकिन अब लग रहा है कि राजस्थान में सतीश पुनिया और मध्य प्रदेश में वीडी शर्मा सेवा विस्तार पर रहेंगे। कर्नाटक में भी नलिन कुमार कतिल को बदले जाने की संभावना नहीं है।
इसके बावजूद अगले कुछ दिन में भाजपा के कुछ प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। जिन राज्यों में अगले साल या उसके आगे चुनाव हैं या जिन राज्यों में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए पार्टी नए सामाजिक समीकरण बना रही है उन राज्यों में बदलाव की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से झारखंड में अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा है। आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की चर्चा है तो बिहार में भी नया अध्यक्ष नियुक्त होना है। जदयू के अलग होने के बाद भाजपा ने विधानसभा और विधान परिषद दोनों में नए नेता नियुक्त किए। अब अध्यक्ष की बारी है। दिल्ली में कार्यकारी अध्यक्ष से काम चल रहा है और वहां भी जल्दी ही नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है या वीरेंद्र सचदेवा को ही पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में कोई जिम्मेदारी मिलती है तो प्रधानमंत्री के गृह प्रदेश में भी नया अध्यक्ष नियुक्त हो सकता है।