पश्चिम बंगाल में जब भी भाजपा का कोई बड़ा कार्यक्रम होता है या किसी तरह का राजनीतिक टकराव होता है, हिंसा होती है तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोप लगाती हैं कि भाजपा से बाहर से लोग ला रही है। वे बहुत स्पेशिफिक किस्म के आरोप लगाती हैं। जैसे अभी रामनवमी के बाद राज्य में कई जगह हिंसा हुई, जो कई दिनों तक चलती रही। पिछले हफ्ते ममता बनर्जी ने इसे लेकर भाजपा पर हमला किया और कहा कि भाजपा बिहार से गुंडे लाती है और बंगाल में गुंडागर्दी कराती है। इससे पहले भाजपा ने एक बड़ा कार्यक्रम किया था, जिसमें काफी बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। तब सड़कों पर हिंसा व तोड़-फोड़ हुई थी। उसके बाद भी ममता बनर्जी ने यही आरोप लगाया था।
हैरानी की बात है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के पास 75 विधायक और 18 सांसद हैं लेकिन ममता बनर्जी कहती हैं कि बिहार से लोग और गुंडे बुलाए जाते हैं। क्या इतनी बड़ी पार्टी भाजपा के पास प्रदेश में अपने कार्यकर्ता या ‘गुंडे’ नहीं हैं? इससे भी ज्यादा हैरानी की बात है कि बिहार का कोई भी नेता ममता बनर्जी को जवाब नहीं देता है। राज्य में सरकार चला रही राजद और जदयू से जवाब देने की उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि इनके नेता तो ममता के साथ तालमेल बनाने में बिजी हैं। लेकिन भाजपा के नेता तो सवाल उठा सकते थे। वे बंगाल के नेता बताते कि उनको बाहर से आदमी बुलाने की जरूरत नहीं है और बिहार भाजपा के नेता कहते कि बिहार मजदूर सप्लाई करने वाला राज्य जरूर है, लेकिन गुंडे सप्लाई नहीं करता है! इस चुप्पी के कारण ममता हर बार मैसेज बनवाती हैं कि बिहार में भाड़े के गुंडे मिलते हैं, जो दूसरे राज्यों में जाकर राजनीतिक हिंसा करते हैं।