मीडिया में ऐसी खबर आई है कि शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला एकदम अचानक हुआ और किसी को इसकी खबर नहीं थी। लेकिन ऐसा नहीं है। जानकार सूत्रों का कहना है कि परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी थी। पार्टी के कुछ नेता भी इस बारे में जानते थे और दूसरी पार्टियों के भी कुछ नेताओं को इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी थी। कुछ लोग इस फैसले के बारे में जानते थे इसका सबसे मजबूत सबूत तो यह है कि पवार ने दो मई के कार्यक्रम में मराठी में भाषण दिया और उनका भाषण समाप्त होने के साथ ही पत्रकारों को मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषा में उनके भाषण की कॉपी दी गई। इससे यह पता चलता है कि उनके भाषण का अनुवाद पहले से किया हुआ था।
पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कुछ समय पहले कहा था कि जल्दी ही दो धमाके होंगे, जिसमें एक दिल्ली में होगा और दूसरा महाराष्ट्र में। कई लोग मान रहे हैं कि उन्होंने इसी धमाके की बात कही थी। इसी तरह पवार जिस कार्यक्रम में गए थे वह पहले एक मई को मजदूर दिवस और महाराष्ट्र दिवस के दिन होने वाला था। लेकिन उस दिन महाविकास अघाड़ी की मुंबई में रैली थी। इस वजह से कार्यक्रम एक दिन आगे बढ़ाया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि पार्टी के सारे विधायक, सांसद और दूसरे बड़े नेता कार्यक्रम में मौजूद रहें। इससे भी पता चलता है कि कुछ लोगों को जानकारी थी कि बड़ी घोषणा होने वाली है। सोमवार को जिस दिन महा विकास अघाड़ी की रैली थी उस दिन शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने अजित पवार को लेकर किसी बड़ी घटना के लिए चार दिन इंतजार करने को कहा था। लेकिन अगले ही दिन शरद पवार का इस्तीफा हो गया। तभी यह भी कहा जा रहा है कि पवार सीनियर ने अजित पवार को कोई बड़ा कदम उठाने से रोकने के लिए पहले ही अपना दांव चल दिया।