राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

सदस्यता खत्म हुई तो राहुल को फायदा

क्या संसद के अंदर प्रधानमंत्री के ऊपर टिप्पणी करने के लिए राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हो सकती है? यह सवाल ऐसे भी पूछा जा सकता है कि क्या सरकार यह अफोर्ड कर सकती है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म की जाए? भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे धमकी दे रहे हैं कि राहुल गांधी के सदन के अंदर माफी मांगनी होगी नहीं तो सांसद पद गंवाना होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी भी कह रहे हैं कि इस बार विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर कार्रवाई होगी। दूसरी ओर कांग्रेस और राहुल गांधी का दो टूक स्टैंड है कि उन्होंने संसद में कुछ भी अससंदीय या अपमानजनक नहीं कहा है। सो, अब सरकार और कांग्रेस के बीच एक बडा शो डाउन होना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा सांसद अपने बड़बोलेपन में इस मामले को जिस दिशा में ले जाना चाहते हैं, पार्टी आलाकमान उस दिशा में बढ़ता है या नहीं।

ध्यान रहे राहुल गांधी ने जो बातें कही थीं उनमें से ज्यादातर को संसद की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से सात सवाल पूछे थे और उन सवालों को भी कार्यवाही से हटा दिया गया है। यह भी ध्यान रखने की बात है कि राहुल के भाषण के दौरान स्पीकर खुद आसन पर थे और उन्होंने राहुल को रोका नहीं था। आमतौर पर कोई असंसदीय बात होती है तो बीच में टोका जाता है। उलटे राहुल का भाषण पूरा होने के बाद स्पीकर ने उनको याद दिलाया कि वे आगे से जनता के बीच यह न कहें कि उनका माइक बंद कर दिया जाता है। हालांकि बाद में उनके भाषण के अंश कार्यवाही से हटाए गए।

अब सवाल है कि क्या गौतम अदानी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के मसले पर राहुल की सदस्यता खत्म हो सकती है? उन्होंने सदन में एक तस्वीर दिखाई, जिसमें एक विशेष विमान में नरेंद्र मोदी और गौतम अदानी एक साथ हैं। क्या भाजपा या सरकार में से किसी ने इस तस्वीर की सचाई पर सवाल उठाया है? विदेशी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और अदानी के एक साथ होने की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं तो क्या उसका खंडन हो रहा है? तभी कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राहुल ने वही कहा, जो पहले से सार्वजनिक जानकारी में है। ऐसी किसी बात पर किसी सांसद की सदस्यता कैसे जा सकती है?

भाजपा को अंदाजा है कि अगर इस बात पर राहुल की सदस्यता जाती है तो उसका ज्यादा मुद्दा बनेगा। कांग्रेस पूरे देश में राहुल का भाषण सुनाएगी, उनके पूछे सवाल लोगों के बीच लेकर जाएगी, गौतम अदानी के साथ संबंधों की और ज्यादा चर्चा होगी। अगर सेना, हिंदू धर्म या देश से जुड़े किसी मसले पर किसी बयान को लेकर सदस्यता जाती तो उसका अलग मामला था लेकिन अदानी के नाम पर सदस्यता जाएगी तो राहुल के प्रति सहानुभूति होगी और यह बात स्थापित होगी की सरकार, प्रधानमंत्री का अदानी से संबंध है। वैसे भी आजतक विशेषाधिकार के मसले पर संभवतः किसी की सदस्यता नहीं गई है। अगर इस मामले में राहुल की सदस्यता जाती है तो विपक्ष के बीच भी उनका कद बढ़ेगा। नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी का मुकाबला बनाने की कांग्रेस की कोशिश कामयाब होगी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *