कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को मल्लिकार्जुन खड़गे क्या जिम्मेदारी देंगे? राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं और पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं। कांग्रेस संविधान में किए गए बदलाव के मुताबिक सभी पूर्व अध्यक्ष कार्य समिति के पदेन सदस्य होंगे। इसलिए उनके लिए किसी पद की जरूरत नहीं है। पर प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में हैं तो उनको औपचारिक रूप से कोई पद देना होगा। उन्होंने पिछले एक साल में जिस तरह से हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में मेहनत की है और अभी मध्य प्रदेश में कर रही हैं उसे देख कर कांग्रेस के लगभग सभी नेता मान रहे हैं कि उनको किसी एक राज्य का प्रभारी बना कर रखना उचित नहीं होगा। तभी संगठन में कोई ऐसा पद देने की बात हो रही है, जिससे पार्टी में उनकी नंबर दो हैसियत बने।
इस लिहाज से तीन पद हो सकते हैं। सबसे पहले तो यह संभव है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन इसमें खतरा यह है कि इससे खड़गे की ऑथोरिटी कम होगी और उनसे बड़ा पावर सेंटर प्रियंका का बनेगा। दूसरा रास्ता यह है कि जिस तरह से राहुल गांधी के 2013 में उपाध्यक्ष बनाया गया था उसी तरह प्रियंका को उपाध्यक्ष बना कर कुछ खास जिम्मेदारी दी जाए। उनको उपाध्यक्ष बना कर चुनाव रणनीति या प्रचार की जिम्मेदार दी जा सकती है। तीसरा रास्ता यह है कि उनको संगठन महासचिव बनाया जाए। इसके लिए राहुल गांधी के चहेते केसी वेणुगोपाल को हटाना होगा। पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि इस महीने केंद्रीय संगठन के बारे में फैसला हो सकता है। प्रियंका का प्रमोशन होता है तो उत्तर प्रदेश में नया प्रभारी नियुक्ति करना होगा। कांग्रेस इस दुविधा में है कि यूपी का प्रभारी मुस्लिम हो या ब्राह्मण।