कांग्रेस पार्टी क्या आम आदमी पार्टी से बात करेगी? यह लाख टके का सवाल है। कांग्रेस के जानकार नेताओं के मुताबिक इस साल होने वाले चुनावों में इसकी जरूरत नहीं है। लेकिन कई नेता चाहते हैं कि आप से बात हो ताकि वह हर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारे। असल में अरविंद केजरीवाल ने चुनावी राज्यों में जितना आक्रामक प्रचार अभियान शुरू किया है उससे कांग्रेस के नेता परेशान हुए हैं। एक महीने में केजरीवाल ने अपने दूसरे मुख्यमंत्री भगवंत मान को लेकर हर चुनावी राज्य का चक्कर लगाया है। वे कर्नाटक में गए, उसके बाद छत्तीसगढ़ में भाषण दिया। अब राजस्थान में सोमवार को रैली और मंगलवार को मध्य प्रदेश में केजरीवाल और मान का कार्यक्रम है।
हालांकि इनमें से किसी भी राज्य में गुजरात जैसा माहौल नहीं है, जहां आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का 13 फीसदी वोट काट लिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बन पाई। फिर भी कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि अगर दो-चार फीसदी वोट भी आप ने काटा तो जीत की संभावना खत्म हो जाएगी, खास कर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में। केजरीवाल से बात करने की जरूरत बताने वाले कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में आप ने ज्यादा मेहनत नहीं की इसलिए कांग्रेस जीती। कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ एक फीसदी वोट का फर्क था। अगर केजरीवाल मेहनत करते और एक फीसदी वोट और काट लेते तो कांग्रेस हार जाती। तभी कांग्रेस के कुछ नेता केजरीवाल से बात करने की जरूरत बता रहे हैं। हालांकि उनको भी लग रहा है कि अगर केजरीवाल किसी तरह से भाजपा के संपर्क में हैं तो बातचीत करने से नही मानेंगे।