राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

स्टालिन से पहल कराए कांग्रेस

चेन्नई में एक मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के जन्मदिन पर जुटे विपक्षी नेताओं की बातों का लब्बोलुआब यह है कि अगर स्टालिन विपक्षी एकता का प्रयास करते हैं तो वे सफल हो सकते हैं। उनके कार्यक्रम में शामिल विपक्षी नेताओं ने उनकी जम कर तारीफ की और उनको आगे बढ़ कर नेतृत्व करने का न्योता दिया। नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने तो खुल कर उनको प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया और उनको राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी स्टालिन की तारीफ की और उनको राष्ट्रीय भूमिका निभाने लायक माना।

कह सकते हैं कि उनका 70वां जन्मदिन था और सारे नेता उसमें जुटे थे। इसलिए सब उनकी तारीफ कर रहे थे। लेकिन तारीफ करना एक बात है और विपक्षी नेताओं के जमावड़े में राष्ट्रीय भूमिका निभाने का न्योता देना अलग बात है। स्टालिन के प्रति विपक्षी नेताओं का जैसा सद्भाव दिखा है उससे लग रहा है कि वे विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उनकी कोई राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा नहीं है। वे अभी तमिलनाडु की राजनीति में ही रहना चाहते हैं। दूसरे, जिन पार्टियों को उन्होंने अपने जन्मदिन में नहीं बुलाया उनके साथ भी उनका बहुत अच्छा सद्भाव है। यह भी कहा जा रहा है कि उन पार्टियों की सहमति से ही उनको आयोजन से दूर रखा गया था। उन तीनों नेताओं- ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव और अरविंद केजरीवाल से स्टालिन के अच्छे संबंध है। पिछले दिनों राव के कार्यक्रम में वे शामिल भी हुए थे और 14 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। इसलिए अगर वे पहल करते हैं तो जैसे अखिलश यादव को उन्होंने तैयार किया है उसी तरह बाकी नेताओं को भी कर सकते हैं।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *