कांग्रेस की मीडिया टीम के लोग हर समय रोते मिलेंगे कि मीडिया उनको नहीं दिखाता है। उनकी बात दबा दी जाती है। टेलीविजन चैनलों के एंकर भाजपा के प्रवक्ता की तरह बरताव करते हैं। यह बात मोटे तौर पर सही है। लेकिन सवाल है कि यह शिकायत आम आदमी पार्टी क्यों नहीं करती है? अरविंद केजरीवाल कभी किसी पत्रकार पर नहीं भड़कते हैं। उन्होंने भी मीडिया के व्यवहार पर सवाल उठाया है लेकिन कभी पर्सनल नहीं होते हैं। इसका कारण यह है कि भाजपा और केंद्र सरकार के समर्थन में होने के बावजूद मीडिया का बड़ा हिस्सा आम आदमी पार्टी की खबरें भी दिखाता और छापता है। मीडिया में आप के नैरेटिव को पर्याप्त जगह मिलती है। किसी भी मसले पर बहस के लिए आप के नेता बुलाए जाते हैं। अरविंद केजरीवाल को छोड़िए, सौरभ भारद्वाज की प्रेस कांफ्रेंस पूरी दिखाई जाती है।
दूसरी ओर कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार है और तीन राज्यों में उसकी सहयोगी पार्टियों की सरकारें हैं लेकिन मीडिया में कांग्रेस के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं दिखाया और छापा जाता है। कह सकते हैं के केजरीवाल की पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में सरकार चला रही है इसका उसे एडवांटेज है। लेकिन उससे ज्यादा एडवांटेज इस बात का है कि राज्य सरकार ने साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का विज्ञापन का बजट रखा है और समर्थन की शर्त पर ही विज्ञापन दिया जाता है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि विज्ञापन की पूरी कीमत वसूली जाती है। कांग्रेस के शासन वाले राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बजट आए, इतनी बड़ी घोषणाएं हुईं, लेकिन बड़े अखबारों में खबर को प्रमुखता नहीं मिली, जबकि दिल्ली सरकार के बजट को सबने प्रमुखता दी। रविवार को दिल्ली के एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा देने की योजना की सफलता पर तीन-चौथाई पेज का फीचर छापा। उसमें लेख और लाभार्थी महिलाओं की फोटो छापी गई। यह कोई एडवरटोरियल नीं था, अखबार की अपनी खबर थी। ऐसी कोई खबर कांग्रेस शासित राज्यों की नहीं बनती है, जबकि वे भी विज्ञापन कम नहीं देते हैं।
सोचें, राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार को हड़का दिया, जबकि वह 15 साल से कांग्रेस कवर कर रहा है और ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि वह अपनी खबरों में बेवजह कांग्रेस की आलोचना करता हो। इसके उलट कांग्रेस के बड़े नेता उन पत्रकारों को गले लगाए रहते हैं, जो खुलेआम राहुल गांधी और कांग्रेस की आलोचना करते हैं। भूपेंदर सिंह हुड्डा के यहां सालाना लंच में ऐसे दो टीवी पत्रकार की खूब आवोभगत हुई, सारे दिन राहुल गांधी को पप्पू साबित करने में लगे रहते हैं। बाद में उन दोनों पत्रकारों का सचिन पायलट ने भी अपने यहां लंच में स्वागत किया। उनमें से एक को तो कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित भी किया था।