राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

मलिक, शेट्टार, सावदी, केजरीवाल सब हाशिए में!

सोचें, भारतीय जनता पार्टी के लिए एक साथ कितनी असुविधाजनक खबरें आ रही थीं। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पुलवामा कांड को लेकर खुलासा कर रहे थे और भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठा रहे थे तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में सीबीआई के सामने पेश होना था, जिसे उनकी पार्टी बड़ा इवेंट बना रही थी। उधर कर्नाटक में भाजपा के हाथ-पांव फूले थे क्योंकि एक पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था। एक तरफ कर्नाटक का चुनाव बिगड़ रहा था तो दूसरी ओर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की साख और उसके कामकाज पर सवाल उठ रहे थे।

इन सबके बीच अचानक तीन युवकों ने प्रयागराज में गैंगेस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी। इसके बाद खबरों का सारा खेल बदल गया। सावदी को कांग्रेस की टिकट मिलने की खबर दब गई तो शेट्टार के पार्टी छोड़ने की खबर भी गायब हो गई। केजरीवाल के मेगा इवेंट की खबर नहीं चली तो मलिक की भी खबर मीडिया से गायब हो गई। एक इस घटना से भाजपा की सारी असुविधाएं खत्म हो गईं। कह सकते हैं कि पिछले कुछ दिनों से अतीक अहमद किसी न किसी रूप में भाजपा के बहुत काम आया है। पिछले महीने जब राहुल गांधी को सूरत की अदालत से सजा हुई और उनका लोकसभा की सदस्यता गई उसी समय अतीक को साबरमती जेल से निकाल कर प्रयागराज लाने का ड्रामा हुआ। फिर नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करके जिस दिन दिल्ली आए उस दिन फिर अतीक को साबरमती से प्रयागराज लाया गया। उस घटनाक्रम के बीच ही अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर हुआ और अब अतीक की हत्या हो गई।

Tags :

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *