महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां चाहती हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाने की बात अभी तय हो जाए और सीटों का बंटवारा भी फाइनल हो जाए। शिव सेना का उद्धव ठाकरे गुट भी चाहते है कि महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों के बीच लोकसभा की सीटों का बंटवारा हो जाए। लेकिन कांग्रेस ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। वहां तालमेल की बात रोकने का कांग्रेस के पास दूसरा कारण है। पहला कारण तो यह है कि नेतृतव में बदलाव होना है। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की जगह नया अध्यक्ष नियुक्त होना है। दूसरा कारण यह है के राज्य के प्रभारी महासचिव एचके पाटिल कर्नाटक में मंत्री बन गए हैं। इसलिए नया प्रभारी भी नियुक्त किया जाना है। उसके बाद ही पार्टी तालमेल की बात करेगी।
लेकिन इसके साथ ही एक कारण यह भी है कि एनसीपी और शिव सेना दोनों ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस उनके ऊपर दबाव बनाना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी का मैसेज बनवाया है। इसके लिए पार्टी के नेताओं ने पिछले दिनों एक बैठक की, जिसमें राज्य की 48 में से 41 लोकसभा सीटों की समीक्षा की गई। इन सीटों पर कांग्रेस के पिछले प्रदर्शन और संभावित उम्मीदवारों के बारे में बात हुई। इस बैठक में यह तय हुआ कि मुंबई महानगर की सात लोकसभा सीटों पर अलग से चर्चा होगी। कांग्रेस के अभी तालमेल नहीं करने का एक कारण यह भी कि मुंबई में महानगर निगम के चुनाव होने हैं और उसमें पता चलेगा कि शिव सेना की क्या स्थिति रहती है। मुंबई व ठाणे में शिव सेना और पुणे में एनसीपी की परीक्षा है। उसके बाद कांग्रेस को लग रहा है कि वह बराबरी में बात करने की स्थिति में होगी।