कांग्रेस पार्टी में महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को लेकर बड़ी दुविधा है। पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष बदलना है क्योंकि पटोले के खिलाफ कांग्रेस नेता लगातार शिकायत कर रहे हैं और इतना ही नहीं कांग्रेस की दोनों सहयोगी पार्टियों की ओर से भी उनकी शिकायत मिली है। एनसीपी और शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट ने भी उनको हटाने की मांग की है क्योंकि वे इन दोनों पार्टियों पर भी हमला करते रहे हैं। उनके बड़बोलेपन की वजह से उनको महाराष्ट्र का नवजोत सिंह सिद्धू कहा जा रहा है। पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस के कई नेता दिल्ली में डेरा डाले रहे और पार्टी के आला नेताओं से मिल कर नाना पटोले के बारे में जल्दी से जल्दी फैसला करने को कहा है।
कांग्रेस नेताओं की जल्दबाजी इसलिए है क्योंकि राज्य में जल्दी ही नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं और उसके बाद अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव हैं। इसके लिए महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियां अभी से तालमेल को अंतिम रूप दे रही हैं। पटोले की वजह से इसमें दिक्कत आ सकती है। कांग्रेस आलाकमान की मुश्किल यह है कि पटोले विदर्भ से आते हैं और मजबूत ओबीसी नेता हैं। जिस तरह से कर्नाटक में सिद्धरमैया हैं उसी तरह महाराष्ट्र में पटोले हैं। वे कुनबी समुदाय से आते हैं, जिसकी बड़ी आबादी है। कांग्रेस की दूसरी मुश्किल यह है कि उसके पास कोई दूसरा मजबूत ओबीसी नेता नहीं है। उसके ज्यादातर नेता मराठा हैं। एनसीपी के पास छगन भुजबल का चेहरा है लेकिन वह भी मराठा पार्टी है और शिव सेना भी ओबीसी का वोट लुभाने वाली पार्टी नहीं है। इसलिए कांग्रेस के साथ साथ अघाड़ी को भी एक मजबूत ओबीसी नेता की जरूरत है। इस वजह से अभी तक नाना पटोले के बारे में फैसला नहीं हो पाया है।