मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने गरीब घर की हर महिला को एक हजार रुपया महीना देने की घोषणा की है। सवाल है कि भाजपा इस घोषणा को किस श्रेणी में रखेगी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह की घोषणाओं को ‘मुफ्त की रेवड़ी’ का कल्चर कहते हैं और इसे समाप्त करने की अपील उन्होंने की है। सुप्रीम कोर्ट में भी इसे लेकर सुनवाई चल रही है। ध्यान रहे सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने पंजाब के विधानसभा चुनाव में हर बालिग महिला को एक हजार रुपया महीना देने की घोषणा की थी। पंजाब विधानसभा चुनाव में उसकी बड़ी जीत में एक भूमिका इस घोषणा की भी रही थी।
उसके बाद उसने गुजरात में भी इसका ऐलान किया और कांग्रेस भी हर चुनाव में इसकी घोषणा कर रही है। कांग्रेस ने तो कर्नाटक में हर परिवार की महिला मुखिया को तीन हजार रुपए महीने देने की घोषणा की है। भाजपा के नेता इस तरह की हर घोषणा को मुफ्त की रेवड़ी बताते हैं। लेकिन शिवराज सिंह चौहान की घोषणा को वे क्या कहेंगे? वह भी मुफ्त की रेवड़ी है या वह लोक कल्याणकारी योजना है? मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होना है, जहां पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर बेरोजगार को ढाई हजार रुपए देने का ऐलान किया। हालांकि इसका वादा पहले से ही था लकिन राज्य सरकार ने इसे चुनावी साल में लागू किया है। ध्यान रहे इस साल देश के 10 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। तीन राज्यों तो चुनाव चल रहे हैं। बाकी सात राज्यों में चुनाव से पहले ढेर सारी लोक लुभावन योजनाओं की घोषणा होगी और किसी न किसी तर्क से उसको न्यायसंगत ठहराया जाएगा।