राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

तमिलनाडु, आंध्र और केरल के नेता भाजपा में गए

विधानसभा का चुनाव कर्नाटक में हो रहा है और इसके बाद तेलंगाना में होगा। लेकिन एक हफ्ते के अंदर जो तीन नेता भाजपा में शामिल हुए हैं वे इन दोनों राज्यों के नहीं हैं। केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। तभी सवाल है कि क्या कर्नाटक में कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ कर भाजपा में नहीं जा रहे हैं? यह भी सवाल है कि क्या कर्नाटक के नेताओं को नहीं तोड़ पाने की वजह से दूसरे राज्यों के नेताओं को तोड़ कर माहौल बना रही है? यह संभव है क्योंकि कर्नाटक में उलटी गंगा बह रही है। वहां भाजपा छोड़ कर नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक के पांच विधायक, दो विधान पार्षद, 11 पूर्व विधायक, चार पूर्व विधान पार्षद और एक पूर्व सांसद कांग्रेस में शामिल हुए। इनमें से ज्यादातर भाजपा के नेता हैं और थोड़े से नेता जेडीएस के हैं।

इसके उलट भाजपा ने जिन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया वे तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के हैं। भाजपा ने बड़ा माहौल बना कर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण रेड्डी को अपनी पार्टी में शामिल कराया। उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर अपनी पार्टी बनाई थी और फिर कांग्रेस में वापस लौटे थे। अब वे भाजपा में गए हैं। आंध्र की राजनीति में भी उनकी प्रासंगिकता नहीं है लेकिन कर्नाटक में मैसेज बनवाने के लिए भाजपा ने उनको पार्टी में शामिल कराया है। इसी तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को भाजपा में शामिल कराया गया है। तमिलनाडु में महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के प्रपौत्र सीआर केसवन को भाजपा में शामिल कराया गया है। ये तीनों नेता कर्नाटक की राजनीति में भाजपा के किसी काम आएंगे, इसमें संदेह है। लेकिन इनके जरिए भाजपा ने कांग्रेस के कमजोर होने का मैसेज बनवाया है।

Tags :

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *