कर्नाटक के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने को झोंका है। वे लगातार रैलियां कर रहे हैं और रोड शो कर रहे हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि मीडिया समूहों और सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों के जो सर्वे आ रहे हैं, उन्हें दिखाते समय भाजपा के साथ पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की फोटो लगाई जा रही है। कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की फोटो लगाई जा रही है। इससे पहले कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जाती थी। इससे यह माहौल बनाया जाता था कि कांग्रेस हार रही है तो इसका मतलब है कि राहुल गांधी हार रहे हैं और भाजपा जीत रही है तो इसका मतलब है कि नरेंद्र मोदी जीत रहे हैं।
तभी सवाल है कि अब राहुल की जगह खड़गे और मोदी की जगह नड्डा की तस्वीर कैसे आ गई? क्या यह किसी खास बात का संकेत है? क्या यह इस बात का संकेत है कि भाजपा को अंदाजा हो गया है कि वह चुनाव नहीं जीत रही है और इसलिए मीडिया समूहों को निर्देश दिया गया है कि वे भाजपा के साथ मोदी की बजाय नड्डा की तस्वीर लगाएं? यह संभव है क्योंकि तमाम भरोसेमंद सर्वे एजेंसीज कांग्रेस की बढ़त बता रही हैं और भाजपा को 80 से ज्यादा सीट नहीं मिलने का अनुमान जता रही हैं। इसलिए मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। कांग्रेस की संभावित जीत बताने वाले सर्वे में राहुल की जगह खड़गे की तस्वीर लगाने का एक मकसद यह भी है कि जीत का श्रेय राहुल को नहीं मिले। मीडिया ने यह कहना भी शुरू कर दिया है कि कांग्रेस जीतती है तो वह स्थानीय मुद्दों और स्थानीय नेतृत्व की जीत होगी।