कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर वैसे तो सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बयान जारी किया लेकिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बयान राजनीतिक रूप से बहुत महत्व वाला है। इससे दक्षिण भारत की राजनीति का अंदाजा होता है। उन्होंने कांग्रेस को जीत की बधाई देते हुए यह भी कहा कि द्रविडियन धरती से भाजपा की विदाई हो गई। उन्होंने अपने बधाई संदेश में भाजपा की हार के कई कारण भी गिनाए, जिनमें एक कारण यह भी बताया कि भाजपा हिंदी थोपने की कोशिश कर रही थी। ध्यान रहे कुछ समय पहले कर्नाटक में मेट्रो स्टेशनों के नाम हिंदी में लिखे जाने का विरोध हुआ था। चुनाव प्रचार में भी यह दिखा कि भाजपा के ज्यादातर स्टार प्रचारक हिंदी बोलने वाले थे।
बहरहाल, स्टालिन का यह कहना कि द्रविडियन भूमि से भाजपा की विदाई हो गई, आगे की राजनीति का संकेत देने वाला है। द्रविडियन भूमि का मतलब विंध्य पर्वत के उस पार का इलाका है, जिसे कई लोग अनार्य भूमि कह कर संबोधित करते हैं। कर्नाटक में भाजपा के हारने के बाद सोशल मीडिया में भी इस तरह की बातें सुनने को मिली। अगर स्टालिन या दक्षिण भारत के नेता यह नैरेटिव बनाते हैं तो इस साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को नुकसान होगा। दक्षिण पैर जमाने की कोशिश कर रही भाजपा को झटका लगेगा। लोकसभा चुनाव में भी उसको नुकसान हो सकता है। लेकिन उत्तर और दक्षिण के इस डिवाइड का फायदा भाजपा को उत्तर भारत में मिल सकता है।