हाल के कुछ बरसों में यह संभवतः पहला मौका है, जब किसी चुनाव के बाद हुए एक्जिट पोल में निर्णायक ढंग से भाजपा को हारते दिखाया गया है। इससे पहले कम से कम एक्जिट पोल में भाजपा को स्पष्ट रूप से हारते हुए नहीं दिखाया जाता था। जिस राज्य में भी भाजपा मुख्य मुकाबले में होती है वहां से उसे जीतते दिखाया जाता है। अगर चुनाव प्रचार या आम मतदाताओं के व्यवहार से बनी धारणा के आधर पर यह स्पष्ट हो कि भाजपा नहीं जीत रही है तब भी उसे कम से कम जीत के नजदीक तक जाते जरूर दिखाया जाता है। यह धारणा पिछले कुछ चुनावों के एक्जिट पोल नतीजों पर आधारित है।
इसे दो अलग किस्म के राज्यों के एक्जिट पोल अनुमानों से समझा जा सकता है। पहला राज्य पश्चिम बंगाल है, जहां 2021 में विधानसभा चुनाव हुए थे। बंगाल में भाजपा का बहुत जनाधार नहीं था वह तृणमूल कांग्रेस से आयातित शुभेंदु अधिकारी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी। फिर कम से कम दो बड़े राष्ट्रीय चैनलों ने भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान जताया था। इंडिया टुडे और इंडिया टीवी ने भाजपा के जीतने की भविष्यवाणी की थी और टीवी 9, एबीपी न्यूज सहित कई चैनलों ने नजदीकी मुकाबला दिखाते हुए भाजपा के एक सौ सीट से ऊपर जाने का अनुमान जताया था। वास्तविक नतीजों में भाजपा को 77 सीटें मिलीं।
दूसरा राज्य हिमाचल प्रदेश है, जहां छह महीने पहले विधानसभा चुनाव हुए थे। वहां भाजपा सत्ता में थी और हर पांच साल पर सत्ता बदल के रिवाज को बदलने के नाम पर चुनाव लड़ रही थी। वह भाजपा के मजबूत असर वाला राज्य रहा है। वहां के चुनाव में 12 बड़े मीडिया समूहों ने एक्जिट पोल के नतीजे जारी किए थे, जिसमें से छह ने भाजपा की स्पष्ट जीत बताई थी।। जी न्यूज, एबीपी न्यूज, इंडिया टीवी, रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाऊ और न्यूज एक्स ने भाजपा को बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की थी। आजतक एकमात्र चैनल था, जिसने कांग्रेस की जीत बताई थी। बाकी ने त्रिशंकु विधानसभा में बराबरी का मुकाबला दिखाया था। वास्तविक नतीजों में कांग्रेस ने 40 और भाजपा ने 25 सीटें जीतीं।
सो, वास्तविक नतीजे कुछ भी हों, एक्जिट पोल में भाजपा निर्णायक रूप से कभी नहीं हारती है। इस बार कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में न्यूज नेशन एकमात्र चैनल है, जिसने भाजपा के एक सौ सीट का आंकड़ा पार करने और कांग्रेस के सौ सीट से नीचे रहने की भविष्यवाणी की है। इसके अलावा चार बड़े चैनलों ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की बात कही है। अन्य चैनलों ने कांग्रेस को एक सौ से ज्यादा सीट मिलने और भाजपा के सौ सीट से नीचे रहने का अनुमान जताया है। यानी ज्यादातर चैनलों ने नजदीकी मुकाबले में भाजपा को हारते दिखाया है। अगर ज्यादातर चैनल भाजपा को हारते दिखा रहे हैं तो इससे एक निष्कर्ष यह भी निकलता है कि मुकाबला नजदीकी नहीं होगा। नजदीकी मुकाबला होता तब तो एक्जिट पोल में भाजपा जरूरत जीतती।