भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक का फैसला नहीं कर पा रही है। दो हफ्ते पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दिल्ली के दौरे पर आए थे और सभी बड़े नेताओं से मिले थे। उसके बाद उन्होंने कहा कि जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। लेकिन 10 दिन तक कोई फैसला नहीं हुआ। फिर बोम्मई दिल्ली आए, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने। तब भी उनकी तमाम नेताओं से मुलाकात हुई और खास बात यह है कि भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य और कर्नाटक में भाजपा के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा की अलग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इसके बाद फिर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि सारी बातें हो गई हैं और जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
अब सोचें, पिछले छह महीने से ज्यादा समय से मंत्रिमंडल के विस्तार की बात हो रही है और अब चुनाव तीन महीने रह गए हैं फिर भी मुख्यमंत्री एक ही बात दोहरा रहे हैं कि जल्दी ही विस्तार होगा। प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल को बदलने की बात एक साल से चलती रही और अब लग रहा है कि वे ही अध्यक्ष बने रहेंगे। मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं होने से केएस ईश्वरप्पा और रमेश जरकिहोली जैसे नेता नाराज हैं। येदियुरप्पा की नाराजगी भी पार्टी नहीं दूर कर पा रही है। पहले उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र के मंत्री बनने की चर्चा थी और अब कहा जा रहा है कि फरवरी में उनके क्षेत्र शिवमोगा में प्रधानमंत्री मोदी एक हवाईअड्डे का उद्घाटन करेंगे। येदियुरप्पा को पटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है क्योंकि वे इकलौते नेता हैं जो अलग अलग खेमों में बंट रहे लिंगायत समुदाय को एकजुट करके भाजपा के साथ जोड़े रह सकते हैं। इसी वोट की चिंता में भाजपा कोई फैसला नहीं कर पा रही है।