भारत का संविधान न तो डिप्टी पीएम पद का प्रावधान करता है और न डिप्टी सीएम पद का। फिर भी भारत की आजादी के बाद देश की पहली सरकार से डिप्टी पीएम बनाने का चलन शुरू हुआ। इसी तरह राज्यों में डिप्टी सीएम बनाने का चलन भी शुरू हुआ। अगर आंकड़ों को देखें तो उप प्रधानमंत्रियों के प्रधानमंत्री बनने या उप मुख्यमंत्रियों के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है। आजादी के बाद बनी पहली सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल उप प्रधानमंत्री बने थे और इसी पद पर रहते उनका निधन हो गया। आजाद भारत में कुल सात लोग उप प्रधानमंत्री बने, जिनमें से दो- मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री बन पाए थे। बाकी वल्लभ भाई पटेल, जगजीवन राम, यशवंतराव चव्हाण, चौधरी देवीलाल और लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।
उप मुख्यमंत्रियों के मुख्यमंत्री बनने के मामले में भी देश का रिकॉर्ड कोई अच्छा नहीं है। फिर भी कर्नाटक के नए उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के लिए उम्मीद इसलिए है क्योंकि दूसरी बार मुख्यमंत्री बने सिद्धरमैया भी पहले उप मुख्यमंत्री बने थे। वे कांग्रेस और जेडीएस की सरकार में एन धरम सिंह के मुख्यमंत्री रहे उप मुख्यमंत्री बने थे। कुछ और राज्यों में भी उप मुख्यमंत्री रहे नेता मुख्यमंत्री बने लेकिन कुल मिला कर इसका रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। दर्जनों नेता अलग अलग सरकारों में उप मुख्यमंत्री रहे लेकिन उनमें से गिने जुने लोग ही मुख्यमंत्री बन पाए।
दिल्ली सरकार में करीब आठ साल तक उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया इस समय जेल में बंद में हैं। बिहार में कोई 10 साल से ज्यादा समय तक उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी अभी राज्यसभा के सांसद हैं और एक तरह से मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हो चुके हैं। हालांकि बिहार में कर्पूरी ठाकुर जब उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों रहे। इसी तरह महाराष्ट्र में गोपीनाथ मुंडे से लेकर अजित पवार तक कई उप मुख्यमंत्री हुए, जो मुख्यमंत्री बनने की हसरत पाले रहे। इसी तरह उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य सात साल से उप मुख्यमंत्री हैं। हालांकि वहां भी रामप्रकाश गुप्ता और कमलापति त्रिपाठी डिप्टी सीएम रहने के बाद सीएम बने थे। पता नहीं केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री बन पाएंगे या नहीं? हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई भी उप मुख्यमंत्री रहे और पंजाब में सुखबीर सिंह बादल अपने पिता की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे।
झारखंड में जरूर उप मुख्यमंत्रियों के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अच्छा है। राज्य के तीन उप मुख्यमंत्रियों में से दो मुख्यमंत्री बन। रघुवर दास एक बार बीजेपी-जेएमएम की साझा सरकार में शिबू सोरेन के साथ उप मुख्यमंत्री बने थे और बाद में मुख्यमंत्री बने। इसी तरह हेमंत सोरेन भी बीजेपी-जेएमएम सरकार में अर्जुन मुंडा की सरकार में उप मुख्यमंत्री बने थे और फिर सीएम बने। राज्य के सबसे पहले उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं।