भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के अभियान में लगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का अगला पड़ाव छत्तीसगढ़ है। तेलंगाना से बाहर उन्होंने सबसे पहले ओड़िशा में पूर्व कांग्रेस नेता गिरधर गमांग को अपनी पार्टी में शामिल कराया है। हालांकि गमांग बाद में भाजपा में चले गए थे। लेकिन उनको पार्टी में लेकर राव ने यह दिखाया है कि बाकी प्रादेशिक क्षत्रपों की तरह उनकी भी नजर कांग्रेस या पूर्व कांग्रेस नेताओं पर ही है। ओड़िशा के बाद राव महाराष्ट्र पहुंचे, जहां नांदेड़ में उन्होंने एक रैली की और अबकी बार, किसान सरकार का नारा दिया। वहां भी उन्होंने कुछ छोटे मोटे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया। अब वे छत्तीसगढ़ की तरफ मुड़े हैं।
छत्तीसगढ़ में भी उनकी नजर कांग्रेस से ही निकले नेताओं पर है। बताया जा रहा है कि उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी से बात की है और उनको अपनी पार्टी का विलय बीआरएस में करने को कहा है। हालांकि जोगी परिवार को नई पार्टी बना कर राजनीति करने में ज्यादा सफलता नहीं मिली है फिर भी स्वतंत्र राजनीति करने वाले नेताओं के लिए किसी दूसरी पार्टी में जाना आसान नहीं होता है। तभी यह भी कहा जा रहा है कि अगर अमित जोगी अपनी पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का विलय बीआरएस में करना चाहते हैं तो उनके लिए ज्यादा अच्छा होगा कि वे कांग्रेस में ही लौट जाएं। मुश्किल यह है कि कांग्रेस में भी उनका स्वागत करने वालों से विरोध करने वाले ज्यादा हैं। तभी कहा जा रहा है कि वे बीआरएस में पार्टी का विलय करके छत्तीसगढ़ में उसके नेता हो जाएंगे। इससे उनको एक राष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी और चुनाव लड़ने का संसाधन भी मिलेगा।