कांग्रेस पार्टी की ओर से विपक्षी नेताओं को एक करने के लिए उनकी बैठक करने की पहल हुई है। अप्रैल में यह बैठक हो सकती है। लेकिन सवाल है कि विपक्ष की कितनी बैठकें होंगी? कितने नेता विपक्ष की एकता की पहल करेंगे और किसकी पहल को केंद्रीय पहल माना जाएगा? ध्यान रहे तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी पार्टी के सांसद विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं। उनके दो दिन के प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियों को शामिल करने का प्रयास हो रहा है। वे खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीजू जनता दल के प्रमुख और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी से मिली हैं।
भारत राष्ट्र समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अलग विपक्षी नेताओं की बैठक की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने तमाम विपक्षी पार्टियों को न्योता भेजा है। बताया जा रहा है कि 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की जयंती पर इन नेताओं की मुलाकात हो सकती है। वे काफी समय से इसकी तैयारी कर रहे हैं। इस मौके पर एक बड़ी रैली भी हो सकती है। तीसरे नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। उन्होंने भी सभी विपक्षी पार्टियों को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने तमाम विपक्षी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें से आठ मुख्यमंत्री उनके साथ बैठक के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि यह राजनीतिक नहीं, बल्कि गवर्नेंस की बैठक होगी। लेकिन सबको पता है कि चाहे किसी नाम से मिलें लेकिन अंतिम मकसद राजनीतिक तालमेल बनाना है। इस तरह कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी भी विपक्षी बैठक की तैयारी में हैं।