कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा करना एक फैशन हो गया है। वे कहीं भी कुछ बोलते हैं तो देश के किसी न किसी हिस्से में उनके ऊपर मुकदमा हो जाता है। कांग्रेस के वकील नेताओं और राहुल की टीम के नेताओं को भी इसमें मजा आ रहा है कि राहुल एक के बाद एक दूसरी अदालतों में पेश हो रहे हैं। इसमें सबको फायदा दिख रहा है। जो मुकदमा कर रहा है उसके नाम की चर्चा हो रही है, वह नेता बन रहा है तो भाजपा उस मुद्दे का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रही है और कांग्रेस नेताओं को संतोष होता है कि मुकदमों के बहाने ही सही राहुल गांधी की खबर तो मीडिया में दिख रही है। सोचें, राहुल के खिलाफ एक ही मुद्दे पर दो अलग अलग अदालतों में मुकदमा दर्ज होता है और कांग्रेस दोनों को एक जगह करने की मांग नहीं करती है।
मोदी सरनेम वाले लोगों को कथित तौर पर चोर बताने वाले उनके बयान को लेकर सूरत में एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें उनको दो साल की सजा हुई है तो उसी मामले में एक मुकदमा पटना में दर्ज हुआ। पटना की अदालत ने राहुल को 25 अप्रैल हाजिर होने के लिए कहा है। सोचें, एक ही अपराध के लिए क्या दो जगह सुनवाई और सजा हो सकती है? बहरहाल, अब लंदन में दिए राहुल के भाषण पर दिल्ली में एक मुकदमा हो गया है। रविंद्र गुप्ता नाम के एक वकील ने मुकदमा दर्ज कराया है कि राहुल ने देश की चुनी हुई सरकार के बारे में अपमानजनक बात कही थी और विदेशी व भारतीय नागरिकों में दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की थी। उधर महाराष्ट्र में सावरकर के पोते ने राहुल पर मानहानि का केस कर दिया है। महाराष्ट्र के भिवंडी में ही आरएसएस के एक स्वंयसेवक की ओर से दर्ज कराया गया मुकदमा अभी चल ही रहा है।