राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

हिमंता बिस्वा सरमा का महत्व बढ़ेगा

असम के मुख्यमंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस यानी नेडा के प्रमुख हिमंता बिस्वा सरमा का कद और बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया था कि पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में एनडीए की सरकार बनेगी। उनका दावा पूरी तरह से सही साबित हुआ है। त्रिपुरा में जैसे तैसे ही सही लेकिन भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि भाजपा और उसकी सहयोगी आईपीएफटी दोनों को सीटों का नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार बनाने लायक बहुमत मिल गया है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने का दांव भी कारगर साबित हुआ है। इसी तरह नगालैंड में भी एनडीपीपी और भाजपा का गठबंधन जीत गया। त्रिपुरा से उलट नगालैंड में दोनों पार्टियों की सीटें पहले से बढ़ी हैं। भाजपा को भी दो सीट का फायदा हुआ है तो एनडीपीपी को भी सात सीट का फायदा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा सिर्फ 20 सीटों पर लड़ी थी और 15 जीत गई। यब 88 फीसदी ईसाई आबादी वाला राज्य है।

मेघालय में सबको पता था कि भाजपा बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। चुनाव से ऐन पहले कोनरेड संगमा की एनपीपी ने तालमेल तोड़ लिया था और भाजपा अकेले 60 सीटों पर लड़ी थी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि योजना के तहत तालमेल तोड़ा गया था ताकि भाजपा की राजनीति से एनपीपी को नुकसान न हो। तभी एनपीपी की सीटों में सात सीट का इजाफा हो गया और भाजपा को भी तीन सीट का फायदा हो गया। अकेले लड़ कर भाजपा पांच और एनपीपी 26 सीटों पर जीती। चुनाव खत्म होने के दो दिन के बाद ही सरमा और कोनरेड संगमा के बीच बात हुई और सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हो गया। इस तरह पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में भाजपा ने सत्ता में वापसी की है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *