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उत्तर प्रदेश में भी बनेगा महागठबंधन!

बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी भाजपा विरोधी पार्टियों का महागठबंधन बन सकता है। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का तालमेल पहले से है। इसमें बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के जुड़ने से महागठबंधन बनेगा। अलग अलग समय में ये दोनों पार्टियां सपा के साथ चुनाव लड़ चुकी हैं। कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव और बसपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था। इसके बाद 2020 में दोनों अलग लड़े लेकिन बसपा को छोड़ कर जो दो गठबंधन बने उसमें अपना दल का कृष्णा पटेल गुट, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, महान दल आदि शामिल थे। कहा जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की फिर भाजपा के साथ वापसी हो सकती है और ओमप्रकाश राजभर राज्य सरकार में मंत्री बन सकते हैं।

बहरहाल, असली बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का फिर से तालमेल होगा या नहीं? ध्यान रहे 2014 में बसपा अकेले लड़ी थी और उसे 20 फीसदी वोट मिलने के बावजूद एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। लेकिन 2019 में वह सपा के साथ लड़ी और उसे 10 सीटें मिलीं। फिर 2020 में विधानसभा चुनाव में वे अकेले लड़ी और सिर्फ एक सीट जीत पाईं। सो, अकेले लड़ने का खतरा उनको पता है। उनको यह भी पता है कि वे भाजपा से तालमेल नहीं कर पाएंगी। इसलिए संभव है कि वे फिर सपा के साथ तालमेल करें और बड़ा महागठबंधन बनें। उससे पहले पिछले दिनों युवा दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। चंद्रशेखर किसी तरह से भाजपा विरोधी गठबंधन का हिस्सा बनना चाहते हैं। लेकिन अखिलेश यादव अभी मायावती का इंतजार करेंगे।

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