भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीति से संन्यास की तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। पिछले कुछ समय से उनके अलग अलग भाषणों के आधार पर अंदाजा लगाया जा रहा था कि वे सक्रिय राजनीति से संन्यास ले सकते हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड से हटने के बाद इस तरह की अटकलों को और बल मिला था। लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा है कि वे अगला लोकसभा चुनाव नागपुर सीट से ही लड़ेंगे और पहले से ज्यादा वोट के अंतर से जीतेंगे। चुनाव से एक साल पहले उनकी यह घोषणा भाजपा की आंतरिक राजनीति को लेकर भी कई संकेत देने वाली है।
बहरहाल, गडकरी ने यह भी कहा है कि राजनीति में वोट सर्विस यानी काम के आधार पर मांगा और लिया जाना चाहिए। उन्होंने अगला चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि इस बार वे वोट मांगने के लिए पोस्टर और होर्डिंग्स आदि नहीं लगवाएंगे। गडकरी ने कहा कि वे प्रचार नहीं करेंगे, जिनको वोट देना है वे देंगे और जिनको नहीं देना है वे नहीं देंगे। सोचें, भाजपा जैसी पार्टी के नेता है, जिसमें सबसे ज्यादा महत्व इन दिनों प्रचार दिया जा रहा है। जहां चुनाव होता है वहां कारपेट बॉम्बिंग होती है। बड़े कटआउट, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स लगते हैं, रैलियां और रोड शो होते हैं, अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन दिए जाते हैं, प्रचार का ऐसा शोर होता है, जिसकी मिसाल नहीं होती है। तभी यह भी लग रहा है कि प्रचार को लेकर दिया गया उनका बयान भी पार्टी की अंदरूनी राजनीति पर एक बयान है। लेकिन जो भी हो यह एक दिलचस्प स्थिति है। इससे पहले किसी नेता ने बिना प्रचार किए चुनाव लड़ने की जोखिम नहीं ली है। अगर बिना प्रचार किए गडकरी ज्यादा वोट से जीतते हैं तो उनका कद और बढ़ेगा।