नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कमाल किया। वे इकलौते विपक्षी नेता हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की तारीफ की। मंगलवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पारंपरिक अभिभाषण से हुई, जिसमें उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जम कर तारीफ की। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां बताईं और उसे साहसी व त्वरित फैसले करने वाली सरकार बताया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद विपक्ष ने इस पर जोरदार हमला किया और भाषण के बिंदुओं को उठाते हुए कहा यह कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह रियर व्यू मिरर में देखना है विंडशील्ड में नहीं।
केंद्र सरकार और भाजपा की सहयोगियों और पिछले नौ साल से सरकार के प्रति सद्भाव दिखाने वाली पार्टियों को छोड़ दें तो सभी विपक्षी पार्टियों ने इसकी आलोचना की। दो बड़ी विपक्षी पार्टियों, भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने तो राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। बस फारूक अब्दुल्ला इकलौते विपक्षी नेता हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की तारीफ की। उन्होंने मीडिया से कहा- यह एक अच्छा भाषण है। इसका क्या मतलब निकलेगा? एक तरफ तो वे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में भी लगे हैं और दूसरी ओर जिस बात पर पूरा विपक्ष एकजुट है उसमें भी विपक्ष से अलग राय रख रहे हैं? उनका यह रुख आगे आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर की राजनीति की दिशा तय करने वाला होगा।