भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोट वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि इस अधिसूचना में कई कमियां और कंफ्यूजन हैं, जिनको धीरे धीरे ठीक किया जाएगा। पहली नोटबंदी यानी आठ नवंबर 2016 के बाद भी ऐसा हुआ था। उस समय हर दूसरे, तीसरे दिन नई अधिसूचना जारी होती थी। बहरहाल, रिजर्व बैंक ने कहा है कि 23 मई से 30 सितंबर के बीच दो हजार के नोट बैंक में बदले जा सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने की अधिसूचना जारी की है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि ये नोट कानूनी मुद्रा बने रहेंगे। कब तक बने रहेंगे इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। तभी सवाल है कि क्या एक अक्टूबर के बाद भी ये नोट चलते रहेंगे? हो सकता है कि आगे आने वाली अधिसूचना में इसे स्पष्ट किया जाए। उससे पहले बड़ा सवाल यह है कि क्या अब एक हजार रुपए के नोट की वापसी होगी?
ध्यान रहे भारत में आठ नवंबर से पहले पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट चलते थे। जब इनको बंद किया गया तो पांच सौ का नया नोट जारी हुआ। लेकिन उसके साथ ही दो हजार और दो सौ रुपए के नए नोट भी आए। हालांकि उस समय दो हजार के नोट को लेकर बड़ी आलोचना हुई थी क्योंकि उसकी कोई उपयोगिता शुरुआती दिनों में नहीं थी। उससे खरीद फरोख्त काम बहुत कम होता था। बाद में भी वह नोट सिर्फ जमा करने के लिए रह गया था। अब उसे बंद कर दिया गया तो सरकार एक हजार का नोट वापस लाएगी? जब एक हजार के नोट चलन में थे तब उनकी काफी उपयोगिता थी। देश में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है और सामानों के दाम आसमान पर पहुंचे हैं उसे देखते हुए एक बड़े मूल्य की मुद्रा की जरूरत है। सो, संभव है कि दो हजार के नोट चलन से हटने और बैंकों में वापस लौट जाने के बाद सरकार एक हजार रुपए मूल्य के नोट जारी करे। अगर ऐसा होता है तो एक चक्र पूरा हो जाएगा।