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कांग्रेस के तेलंगाना अभियान से बीआरएस चिंतित!

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के मकसद से कर्नाटक में जेडीएस का साथ दिया था। बीआरएस ने घोषित रूप से जेडीएस को समर्थन किया था और उसके नेता प्रचार करने भी गए थे। इसके बावजूद एक्जिट पोल के अनुमानों से लग रहा है कि कांग्रेस चुनाव जीत सकती है। यह बीआरएस की चिंता बढ़ाने की बात है। इस बीच कांग्रेस ने कर्नाटक में अपना चुनाव अभियान भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कर्नाटक चुनाव के बीच तेलंगाना में जाकर रैली की। उस रैली को जैसा रिस्पांस मिला उससे बीआरएस के नेताओं की चिंता बढ़ी है।

असल में तेलंगाना में अब तक बीआरएस का मुकाबला कांग्रेस के साथ था। हैदराबाद में ओवैसी की पार्टी एमआईएम मजबूत है और बाकी प्रदेश में बीआरएस व कांग्रेस लड़ते थे। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत की है। ओवैसी को मुद्दा बना कर भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माहौल बनाया है। हैदराबाद नगर निगम चुनाव में और दो सीटों के उपचुनाव में भाजपा को जैसी प्रतिक्रिया मिली वह बदलती राजनीति का संकेत है। हुजुराबाद सीट पर 2021 में टीआरएस के पूर्व नेता एटाला राजेंद्र भाजपा की टिकट से लड़ कर जीत गए थे और पिछले साल मुनुगोडे सीट पर भाजपा हारी लेकिन उसको 86 हजार से ज्यादा वोट मिले। कांग्रेस बहुत पीछे रह गई। इसलिए बीआरएस और भाजपा का सीधा मुकाबला बन रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस ज्यादा ताकत लगा कर लड़ती है तो वह इतना वोट हासिल कर सकती है कि बीआरएस हार जाए। सो, कांग्रेस का विरोध कर रहे के चंद्रशेखर राव को विपक्षी गठबंधन के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।

By NI Political Desk

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