कर्नाटक में चार महीने में चुनाव होने वाले हैं और भाजपा ने लगभग घोषित कर दिया है कि उसे किस मुद्दे पर चुनाव लड़ना है। तीन साल से ज्यादा समय तक राज करने के बाद भाजपा कर्नाटक में हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा सरकार अपने कामकाज या डबल इंजन की सरकार के विकास के एजेंडे की बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। वैसे पहले भी भाजपा सरकार ने हिजाब पर पाबंदी लगाई थी और फिर हलाल मीट पर पाबंदी का प्रयास शुरू हुआ। लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले सरकार ने नए सिरे से प्राथमिकताएं बता दी हैं।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल ने कहा है कि राज्य के लोग सड़क बनाने या नाली बनाने जैसी छोटी छोटी चीजों में न उलझें। वे ऐसी चीजों का ध्यान रखें, जो उनके बच्चों के जीवन पर असर डाल रही हैं और वह चीज है लव जिहाद। उन्होंने कहा कि लव जिहाद रोकने के लिए भाजपा का सरकार में रहना जरूरी है। सो, लोग भाजपा को चुनें। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के दौरे पर गए थे और उन्होंने कहा कि देश में अब ऐसा प्रधानमंत्री है, जो मंदिर बनवाता है, न की टीपू सुल्तान की जयंती मनाता है। जाहिर है मंदिर बनाम टीपू सुल्तान का मुद्दा ध्रुवीकरण के लिए उठाया गया।