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समाजवादी पार्टी को कांग्रेस की चिंता!

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले कांग्रेस नेताओं ने जो राजनीति की उससे समाजवादी पार्टी चिंता में है। सपा को पता है कि अगले लोकसभा चुनाव में उसे सहयोगियों की जरूरत है, खास कर कांग्रेस की। पिछली बार सपा के साथ बसपा थी, फिर भी पार्टी सिर्फ पांच लोकसभा सीट जीत पाई थी। इस बार बहुजन समाज पार्टी का साथ मिलने की संभावना कम है। हालांकि अगर मायावती समझदारी दिखाएं तो वे फिर तालमेल कर सकती हैं क्योंकि सपा से तालमेल की वजह से ही उनकी लोकसभा सीटें जीरो से 10 पहुंची थीं। बहरहाल, अगर वे तालमेल नहीं करती हैं तो सपा को रालोद के साथ साथ कांग्रेस और कुछ दूसरी छोटी पार्टियों की जरूरत होगी।

पहले की स्थिति में सपा के लिए कांग्रेस से तालमेल बहुत आसान था। उसे रायबरेली, अमेठी और आसपास की दो-तीन सीटें देकर काम चल सकता था। लेकिन तालमेल के लिए पहला कदम कांग्रेस ने बढ़ा दिया। उसने अखिलेश यादव को यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया। सबको पता था कि वे यात्रा में शामिल नहीं होंगे तभी पहले ही चिट्ठी लिखने की खबर लीक करके मीडिया में प्रचार किया गया, जिससे नाराज होकर अखिलेश ने कांग्रेस और भाजपा को एक जैसा बता दिया। हालांकि बाद में वे संभले और राहुल को शुभकामना की चिट्ठी लिखी।

उनकी चिंता इस वजह से भी बढ़ गई है कि राहुल किसानों के इलाके से गुजरे और उनको बड़ा समर्थन मिला। वे मुस्लिम और दलित बहुलता वाले क्षेत्रों से गुजरे और उनकी यात्रा में भरपूर भीड़ जुटी। ऊपर से सपा की चिंता बढ़ाने वाली बात यह हुई कि राष्ट्रीय लोकदल व भारतीय किसान यूनियन ने खुल कर यात्रा का समर्थन किया। सो, अब जब तालमेल की बात होगी, तब कांग्रेस पार्टी दो-चार सीटों पर समझौता नहीं करेगी। कांग्रेस अपने दलित और मुस्लिम वोट आधार को हासिल करने का प्रयास कर रही है और इससे भी सपा की चिंता बढ़ी है।

By NI Political Desk

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