बालासोर ट्रेन हादसे के बाद इसका विश्लेषण करने और वस्तुनिष्ठ तरीके से इसे देखने का जो विमर्श है उसके अलावा दो और बातें सोशल मीडिया में खूब चल रही हैं। पहली बात साजिश थ्योरी की है, जिसे संभवतः सरकार ने बचाव के तौर पर स्वीकार कर लिया है। तभी रेलवे की ओर से सीबीआई जांच की मांग की गई है दूसरी बात अपशकुन की है। सोशल मीडिया में इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि नए संसद भवन का उद्घाटन और सेंगोल की स्थापना का शुभ असर नहीं हुआ है। लोग कई घटनाएं खोज कर ले आए हैं और कहा जा रहा है कि यह सब अपशकुन है।
सबसे पहले तो पहलवानों के आंदोलन की चर्चा है। जिस दिन उद्घाटन हो रहा था उसी दिन पहलवान संसद की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस ने उनको जोर जबरदस्ती हिरासत में लिया और धरना खत्म कराया। इस पर सरकार की बड़ी किरकिरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी पहलवानों के साथ हुए बरताव की आलोचना की है। नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान आगे की पंक्ति में बैठे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लगातार पहलवानों के आंदोलन की सूचना मिल रही थी और उसी दिन मणिपुर में नए सिरे से हिंसा भड़की थी। अगले दिन उनको मणिपुर जाना था।
इसके बाद आंधी-तूफान की वजह से उज्जैन के महाकाल लोक में हुई तबाही की चर्चा है। इसमे सप्तऋषियों की प्रतिमाएं टूट गईं और कहा जा रहा है कि कई मूर्तियों में दरार आई हुई है। फिर रविवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा हो गया। यह पिछले 25 साल का भारत का सबसे बड़ा हादसा है और इस सदी का दुनिया का सबसे बड़ा हादसा है। इस तरह का एक हादसा सिर्फ तंजानिया में हुआ है। बालासोर में ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। पहली बार ऐसा हुआ कि तीन ट्रेनें आपस में भिड़ीं। इससे पहले दो ही ट्रेन की भिड़ंत का घटनाएं हुई थीं। बहरहाल, इन बड़ी घटनाओं में अलग अलग राज्यों के लोग अपनी अपनी जानकारी के हिसाब से दूसरी घटनाएं भी जोड़ रहे हैं।