राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

एनडीए की एकता कायम रहेगी?

unity of ndaImage Source: NIA

unity of nda: भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की पार्टियों ने वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के बिल पर कमाल की एकता दिखाई। कई पार्टियां संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक से पहले तेवर दिखा रही थीं।

अपने अपने राज्य की स्थानीय राजनीति के लिहाज से पार्टियों ने पोजिशनिंग की थी। बिहार की पार्टियों ने अलग रुख अख्तियार किया था।

नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से इसे लेकर सवाल उठाए गए थे।(unity of nda)

इसका कारण यह था कि बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने दोनों पर दबाव बनाया था। गौरतलब है कि ये दोनों पार्टियां भाजपा के साथ होते हुए भी कुछ न कुछ मुस्लिम वोट पाने की उम्मीद रखती हैं।

आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी भी मुस्लिम प्रेम दिखा रही थी और माना जा रहा था कि वक्फ बोर्ड बिल पर उनको भी आपत्ति हो सकती है।

also read: केजरीवाल के आरोपों से बेचैनी दिख रही

लेकिन अंत में सब एकजुट हो गए। सरकार की ओर से तैयार किए गए विधेयक के मसौदे में विपक्ष की ओर से 44 संशोधन सुझाए गए थे लेकिन सारे खारिज कर दिए गए और एनडीए की पार्टियों की ओर से सुझाए गए 14 संशोधनों को शामिल करके बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी गई।

विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं और जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर मनमानी करने के आरोप लगा रही हैं। लेकिन इससे कुछ नहीं बदलने वाला है।

एनडीए की पार्टियां एकजुट थीं तो विपक्ष के सारे सुझाव बहुमत से खारिज कर दिए गए और बहुमत से ही रिपोर्ट मंजूर कर ली गई।(unity of nda)

अब 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में जेपीसी अध्यक्ष कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपेंगे, जिसे पास कराने के लिए संसद में पेश किया जाएगा। एनडीए की एकजुटता को देखते हुए इसके पास होने में कोई संशय नहीं है।

एनडीए की ओर से भी सवाल उठे(unity of nda)

लेकिन सवाल है कि क्या इसी तरह की एकजुटता विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति और शिक्षकों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव पर भी रहेगी?

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने कुलपतियों की नियुक्ति और शिक्षकों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव का एक मसौदा पेश किया है।

इस पर पहले तो विपक्षी पार्टियां ही विरोध कर रही थीं लेकिन अब सत्तारूढ़ एनडीए की ओर से भी सवाल उठे हैं।(unity of nda)

विपक्षी पार्टियों में डीएमके ने विरोध की कमान संभाली है, जबकि केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पास किया है।

एनडीए की एकता बनी रहती है या नहीं?(unity of nda)

भाजपा को सबसे ज्यादा चिंता बिहार की पार्टी जनता दल यू को लेकर है। जदयू ने इसका विरोध किया है।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार जब राजद के साथ सरकार चला रहे थे तब तत्कालीन राज्यपाल फागू चौहान के साथ उनका टकराव हुआ था और उसी समय राज्य सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को बनाने की पहल की थी।

अब जबकि यूजीसी चाहता है कि राज्यपाल की चांसलर रहें तो जदयू को यह बात कबूल नहीं है। सो, उसने सवाल उठाया है।(unity of nda)

दूसरी ओर लोक जनशक्ति पार्टी और टीडीपी का रुख भी सावधानी वाला है। इन दोनों पार्टियों ने भी खुल कर इस पहल का समर्थन नहीं किया है।

सो, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर एनडीए की एकता बनी रहती है या नहीं?(unity of nda)

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *