हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के चुनाव जीत जाने की वजह से एक सीट खाली हुई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी को भाजपा टिकट देगी। वे चौधरी बंशीलाल की बहू हैं और अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज थीं। इसलिए वे अपनी बेटी के साथ भाजपा में शामिल हो गईं। वे अपनी बेटी को अपनी पारंपरिक तोशाम सीट से टिकट दिलाना चाहती हैं। बहरहाल, हरियाणा में कांग्रेस की कमान संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनके संबंधों को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि अगर किरण को टिकट मिलती है तो वे कोई बड़ा दांव चलेंगे। किसी पैसे वाले तटस्थ उम्मीदवार को उतारने की चर्चा थी। लेकिन अब हुड्डा ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी।
कांग्रेस इसलिए चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि हुड्डा किसी हाल में जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला के साथ नहीं दिखना चाहते हैं। अगर कांग्रेस उम्मीदवार उतारती तो हुड्डा को दुष्यंत के 10 विधायकों का समर्थन लेना होता। उसमें भी उनके तीन या चार विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। इसलिए यह भी संभावना है कि चुनाव के समय दुष्यंत के विधायक क्रॉस वोटिंग करें। राज्य विधानसभा की मौजूदा स्थिति के मुताबिक 90 में से तीन सीटें खाली हैं और राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 44 वोट की जरुरत है। भाजपा के पास 43 और दुष्यंत व निर्दलियों को को मिला कर विपक्ष के पास 44 वोट हैं। अगर इनमें से दुष्यंत के तीन या चार विधायक क्रॉस वोटिंग कर दें तो भाजपा का उम्मीदवार जीत जाएगा। इसलिए हुड्डा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। उनको लग रहा है कि अगर राज्यसभा के लिए दुष्यंत से हाथ मिलाया तो जाट मतदाताओं में दोनों के साथ होने का मैसेज जाएगा, जिसका फायदा विधानसभा चुनाव में दुष्यंत की जननायक जनता पार्टी को हो सकता है। तभी उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इससे दुष्यंत का दांव फेल हुआ तो उन्होंने कह दिया कि हुड्डा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।